URL Full Form In Hindi Meaning | यूआरएल का मतलब क्या होता है

अगर आप कंप्यूटर की पढ़ाई करते है तो आपने URL के बारे में जरूर सुना या पढ़ा होगा। इंटरनेट की दुनिया में यूआरएल का बहुत ही अहम रोल है क्योंकि URL हर प्रकार की वेबसाइट या वेबपेज के लिए जरूरी है। लेकिन आपको शायद यह नही पता होगा कि यूआरएल क्या है, यूआरएल का फुल फॉर्म क्या है, यूआरएल के प्रकार और यूआरएल कैसे काम करता है आदि।

अगर आपके पास इन सवालों के जवाब नही है तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। इस आर्टिकल में, मैने URL Full Form In Hindi Meaning के बारे में बताया है, और साथ ही यूआरएल को सही उदाहरण से भी समझाया है। अत: URL को समझने के लिए पूरा आर्टिकल अवश्य पढ़े।

यूआरएल का पूरा नाम क्या है (URL Ka Full Form In Hindi)

आज इंटरनेट पर बिलियन की संख्या में वेबसाइट्स मौजुद हैं और इन सभी वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग तरह के URL होते हैं। इन यूआरएल को गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन में सर्च करने पर संबंधित वेबसाइट या वेब पेज खुलता है।

अगर मैं आपको Full Form of URL के बारे में बताऊं तो इसकी फुल फॉर्म “Uniform Resources Locator”है, और इसका हिंदी में पूरा नाम “सम स्रोत निर्धारक” है। यह हर वेबसाइट और वेब पेज के लिए बिल्कुल यूनिक और अलग होता है।

URL Full Form In Hindi Meaning

URL का फुल फॉर्म Uniform Resources Locator होता है जो किसी वेबसाइट या वेबपेज के लिए जरूरी एड्रेस होता है। जिस तरह सभी घर का एक एड्रेस होता है, और एड्रेस को फॉलो करने पर कोई भी उस घर तक पहुंच सकता है। उसी प्रकार URL भी वेबसाइट का एड्रेस होता है जिसकी मदद से उसी वेबसाइट या वेबसाइट के पेज पर पहुंच सकते है।

यूआरएल की परीभाषा: किसी भी वेबसाइट या वेबपेज का अद्वितीय (यूनिक) नाम या पता, जिससे उसे इंटरनेट पर जाना, पहचाना और उपयोग किया जाता है, उसे URL कहते है। इस एड्रेस को Uniform Resources Locator भी कहा जाता है। किसी भी वेबसाइट का URL कुछ इस प्रकार हो सकता है।

उदाहरण: “https://www.bloghelp.in

यह किसी वेबसाइट का यूआरएल है, जिसमें निम्नलिखित भाग हैं।

  1. “https://” यूआरएल का Protocol होता है जिसे Hyper Text Transfer कहा जाता है। इसी की मदद से इंटरनेट पर डाटा ट्रांसफर होता है। इसके बाद यूआरएल का भाग Domain कहलाता है जो किसी एक Particular वेबसाइट को रिप्रजेंट करता है।
  2. “www” URL का एक Subdomain है जिसे World Wide Web के रूप में जाना जाता है। यह URL को पूरी दुनिया में खुलने की अनुमति देता है।
  3. “bloghelp” किसी एक वेबसाइट का Domain (Name) है जिसकी मदद से उस वेबसाइट तक पहुंचा जाता है। यह Domain name हर वेबसाइट के लिए अलग-अलग तरह का होता है।
  4. “.com” एक Top Level Domain (TLD) है जिसे डोमेन एक्सटेंशन भी कहा जाता है। यह TLD प्रदर्शित करता है कि वेबसाइट किस प्रकार की है। TLD भी अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे .com, .in, .net, .us आदि।

इस तरह यह सभी भाग मिल यूआरएल का निर्माण करते है।

URL का Domain Name क्या होता है

किसी वेबसाइट के URL के लिए Domain Name जरूरी होता है। Domain Name को Subdomain भी कहा जाता है, उदाहरण: .com, .net, .org, .eduआदि। यह सबडोमेन अलग अलग तरह के होते है जो अलग अलग प्रकार की वेबसाइट के लिए उपयोगी होते हैं। जैसे-

  1. .com – Commercial Website (व्यापारिक संस्थान की वेबसाइट के लिए)
  2. .org – Organisation Website (संगठन संस्थान की वेबसाइट के लिए)
  3. .gov – Government Website (सरकारी संस्थान की वेबसाइट के लिए)
  4. .edu – Education Website (शैक्षणिक संस्थान की वेबसाइट के लिए)
  5. .mil – Military Website (सैनिकीय संस्थान की वेबसाइट के लिए)

URL क्या है (What is URL Full Form In Hindi)

जैसा की मैने आपको बताया कि यूआरएल किसी भी वेबसाइट या वेबपेज के लिए एक एड्रेस होता है जिससे उस URL से संबंधित वेबसाइट या वेबपेज पर आसानी से पहुंच सकते है।

आपने कई बार अपने मोबाइल मैसेज या वॉट्सअप मैसेज में URLको देखा होगा जिसे हम अधिकतर लिंक कहते है। जब आप उस लिंक को क्लिक करते है तो आप किसी Particular Website या Webpage पर पहुंच जाते है. अब यह लिंक उस पेज के लिए विशेष है, मतलब आप इस लिंक जितनी बार भी क्लिक करोगे तो आप उसी एक वेबपेज पर पहुंचोगे।

इसका मतलब है कि URL हर वेबसाइट या वेबपेज के लिए बिल्कुल यूनिक होता है। अगर कोई URL में छोटी सी भी हेर-फेर कर देता है तो वह URL बाद किसी काम का नही रहता है।

URL के आविष्कारक कौन है

अब तक आप यूआरएल क्या है और इसका फुल फॉर्म क्या होता हैं, के बारे में समझ गये होंगे। लेकिन अब आपके यह सवाल भी आ रहा होगा कि यूआरएल का अविष्कार किसने किया होगा?

अगर आपके मन में यह सवाल है त इसका जवाब Tim Berners Leeहै जिसने 1914 में URL की खोज की थी। Berners Lee ने 1914 में http, Html और URL तीनों का अविष्कार एक साथ किया था। इन्होने ही सबसे पहले सभी Web Pages को unique locational address के रूप में प्रदर्शित करने वाले URL के बारे में बताया था।

URL के कितने भाग होते हैं (Parts of URL in Hindi)

किसी भी यूआरएल के मुख्यत: तीन भाग होते हैं, जैसे-

  1. Protocol Designation
  2. Host Name or Address
  3. File or Resource Location

कोई भी यूआरएल कुछ इस प्रकार बनाया जाता हैं-

  • URL की शुरूआत प्रोटोकॉल से होती है।
  • प्रोटोकॉल के बाद अपूर्ण विराम (:), और दो Slashes (//) का उपयोग होता है।
  • इसके बाद Host Name या डोमेन होता है, जिसके बाद एक कॉलन होता है।
  • डोमेन के बाद एक Slashes (/) आता है, जिसके बाद वेब पेज की Location होती है।

उदाहरण: protocol :// host / location

चलिए मैं आपको एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करता हूं। जैसे- https://bloghelp.in/url-ful-form/

यह एक उदाहरण है जिसमें URL के तीनों भाग मौजुद हैं, जैसे-

  • प्रोटोकोल : https
  • होस्ट (एड्रेस) या डोमेन नेम: wirehindi.com
  • फाइल या लोकेशन रिसोर्स: url-ful-form
  1. Protocol Designation: प्रोटोकॉल सामान्यत: दो प्रकार के होते है, जिनका इस्तेमाल यू आर एल में किया जाता हैं। “http” और “https” यह दोनो ही URL Protocol हैं, लेकिन किसी यूआरएल में “https” होने पर यह पता चलता है कि वह वेबसाइट सुरक्षित है। क्योंकि Https में “s” SSL Certificate की मौजुदगी को दर्शाता है।
  2. Host Name or Address: होस्ट नेम या एड्रेस में डोमेन यानी Resourceका नाम होता है, मतलब डोमेन नेम किसी एक विशेष वेबसाइट को दर्शाता है। इस डोमेन की मदद से नेटवर्क, सर्वर को पहचानता है। इस हम IP Address और DNS कह सकते है।
  3. File or Resource Location: इस भाग की मदद से उस वेब पेज पर पहुंचा जाता है जिससे संबंधित यह URL है। यह एक Resource Locator होता है जो किसी फाइल या Path को बताता है।

मतलब उपरोक्त URL में www.bloghelp.in एक डोमेन है जिसकी मदद से आप वेबसाइट के मुख्य होम  पेज पर पहुंच सकते है। लेकिन पीछे लिखे भाग “url-ful-form” की वजह से आप इस वेबसाइट “URl Full Form” नाम वेब पेज पर पहुंच जाएंगे।

URL कैसे काम करता है, तरीका

जब हम किसी वेबसाइट को खोजते है तो हम आसानी से उस वेबसाइट URL लिखकर सर्च कर लेते है। लेकिन क्या आपको पता है कि ब्राउजर किसी भी वेबपेज को ढुंढने के लिए उस URlके IP Address का इस्तेमाल करता है।

IP Address को हम Internet Protocol भी कहते है, जो Numbers की एक सीरीज होती है। यह आईपी एड्रेस कुछ इस प्रकार दिखाई देता है, 86. 832. 453. 22

अब सोचिए कि अगर URL नही होता तो हमें इस तरह IP Address को याद करना पड़ता। और इस तरह के IP Address की नंबर सीरीज को याद रख पाना बहुत ज्यादा मुश्किल है। अब तो इंटरनेट पर अरबो-खरबो वेबसाइट्स हैं, और अगर हम 100 वेबसाइट के भी IP Address याद करने की कोशिश करे तो बहुत मुश्किल है।

इसलिए किसी भी वेबसाइट या वेब पेज पर आसानी से पहुंचने के लिए URL को बनाया गया, जिसे याद करना भी बेहद आसान है। इसके अलावा IP Address कुछ-कुछ समय बाद बदलते रहते है, लेकिन URL हमेसा एक समान ही रहता है, इसलिए इसे याद रखना बड़ा आसान है।

अगर मैं आप करूं कि URL कैसे कमा करता है तो यह बहुत आसान है। जब आप किसी वेबसाइट के URL को किसी ब्राउजर में टाइप करते है तो ब्राउजर उस DNS जिसे Domain Name Server भी कहा जाता है, को पहचान कर उसे Corresponding IP Address में बदलता है। और फिर ब्राउजर उस IP Address को पहचान कर उस वेबसाइट तक पहुंच जाता है।

URL कितने प्रकार के होते हैं (Types of URL)

आज इंटरनेट की दुनिया बहुत बड़ी है तो URL भी अनेक प्रका के हैं, और उनके लिए बहुत से different terms का भी इस्तमाल होता हैं। लेकिन मैने यहां पर कुछ खास प्रकार के बारे में बताया हैं, जो निम्नलिखित हैं-

#1. Massy Url: यहURL कंप्यूटर के द्वारा बनाये जाते है जिनमें बहुत ही अधिक Number और Letter का उपयोग किया जाात है। इनमें एक ही डोमेन नेम के लिए अलग-अलग तरह के हजारों पेजेज बनाये जाते हैं। जैसे- http://www.example.com/seowesk19403

#2. Dynamic Url: इस तरह के यूआरएल किसी database query के end result होते हैं जो content output provide करते है। यह URL Massy URL की तरह ही दिखाई देते है, लेकिन इसमें Number और Letter के अलावा अन्य Characterका भी इस्तेमाल होता है, जैसे ?,&,+,_,=,%,#,$ आदि।

इस तरह के Urlका इस्तेमाल मुख्य रूप से Shopping, travelling जैसी websites में किया जाता है। क्योंकि ऐसी वेबसाइट में यूजर बार बार अपनी Queries को बदलते रहते हैं, जिससे इसके Answer भी बदलते रहते हैं।

#3. Static Url:इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह Url Static प्रकार के होते है, जो कभी नही बदलते है। भले ही यूजर कितनी भी Request भेज दे, लेकिय यह कभी नही बदलता। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के URL को Webpage’s HTML coding के साथ अच्छे से Hard wired किया जाता है।

#4. Obfuscated URL:यह एक तरह का खतरनाक यूआरएल है क्योंकि इसका इस्तेमाल Phishing Scam में किया जाता है। इन यूआरएल का इस्तेमाल बहुत ही चालाकी से किया जाता है ताकि इस तरह के Urlकिसी की पकड़ में न आए।इन्हे आप नकली यूआरएल कह सकत है क्योंकि केवल Original दिखते है लेकिन जब क्लिक करते है तो किसी Malicious Website के तरह Redirect कर देते है।

Secure URL क्या होते हैं, और कैसे पहचाने

Secure URL ऐसे यूआरएल को कहा जाता है जो https:// से शुरू होते हैं। इसका मतलब है कि अगर आप इस तरह के यूआरएल की वेबसाइट पर अपनी कोई भी Personal Information को डालते है तो वह Transmit होने से पहले ही Encrypt हो जाएगी। और किसी भी Hacker द्वारा उन जानकारीयों को पढ़ पाना इतना आसान नही होगा।

कई वेबसाइट आपके नाम, ई-मेल एड्रेस, और पासवर्ड के बारे में पूछती हैं, तो ऐसी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए Secure URL का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे बैंकिंग वेबसाइट में खासकर प्रोटोकोल यानी https:// के रूप में रूप सुरक्षित होता है। ताकि यूजर की सभी जानकरीयां पूरी तरह से सुरक्षित रहे।

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FAQs

अब तक हमने जाना कि यूआरएल का पूरा नाम क्या है और यूआरएल का मतलब क्या होता है? तो चलिए अब हम URL से संबंधित कुछ जरूरी FAQs पर भी नजर डालते हैं।

Q1. किसी यूआरएल का मतलब क्या होता है?

उत्तर: URL का फुल फॉर्म Uniform Resource Locatorहोता है, जिसका मतलब है कि यूआरएल तीन भागों से मिलकर बना होता हैं। A. Protocol Designation, B. Host Name or Address और C. File or Resource Location ये तीनों यूआरएल के भाग होते हैं। और इन्ही तीनों भागों के आधार पर URL काम करता है। URL किसी वेबसाइट या उसके वेबपेज के एड्रेस होते है जिसकी मदद से हम उस वेबसाइट या वेबपेज तक पहुंचते है।

Q2. URL क्या है और कैसे काम करता है?

उत्तर: यह इंटरनेट पर उपलब्ध किसी वेबसाइट या वेबपेज के लिए एड्रेस होते है जिसकी मदद से उस वेबसाइट पर जा सकते है। URL बहुत आसान होते है जिन्हे आसानी से याद रखा जा सकता है। इस यूआरएल के साथ DNS होता है जिसके IP Address को ब्राउजर पढ़ लेता है और संबंधित उसी वेबसाइट तक पहुंच जाता है।

Q3. URL का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: यूआरएल का पूरा नाम Uniform Resource Locator (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर) है, जो किसी एक वेबसाइट के वेबपेज या फाइल के लिए एक यूनिक एड्रेस होता है।

Q4. URL इतना ज्यादा महत्वपूर्ण क्यूँ है?

उत्तर: इंटरनेट पर किसी भी जानकारी को IP Address के रूप में सर्च किया जाता है और यह IP एड्रेस Number की सीरीज होती है। अब मान लिजिए कि आपको Amazon की वेबसाइट पर जाना है तो आपको IP Address (32.1234.4534.23) को लिखकर सर्च करना पड़ता। लेकिन ऐसे IP Address को याद करना बहुत मुश्किल है, इसलिए यूआरएल को बनाया गया जिसे याद रखना बेहद आसान है, जैसे www.amzon.in

Conclusion

अब तक आपको समझ आ चुका होगा कि URL किसी वेबसाइट या उसके वेबपेज को Represent करने वाला एड्रेस होता है। मैंने यहां पर URL को उदाहरण के साथ विस्तार से समझाया है ताकि कोई भी URL को आसानी समझ सके। यह आर्टिकल मुख्य रूप से URL क्या है (What is URL in Hindi) और ये कैसे काम करता है, पर आधारित है। इसमें हमने अनेक तरह की सभी महत्वपूर्ण जानकारीयों को आपके साथ सांझा किया है।

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