आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 300, 500 और 1000 Words में | Essay on Ideal Student in Hindi

Essay on Ideal Student in Hindi: सभी विद्यार्थी एक आदर्श विद्यार्थी बनना चाहते है तथा सभी गुरुजन भी अपने विद्यार्थियो से यही उम्मीद करते है कि सभी विद्यार्थी आदर्श विद्यार्थी हो किंतु एक Ideal Student बनना इतना आसान नही होता है।

आदर्श छात्र वही होता है, जो ईमानदारी तथा लगन से पढ़ाई करता है तथा विद्यालय, घर व समाज में अच्छे तरीके से व्यवहार करे, लोगो की मदद करे, सभी गतिविधियो में सक्रिय रुप से भाग ले।

किसी विद्यार्थी का “आदर्श विद्यार्थी होना” महत्वपूर्ण गुण होता है। इस कारण कक्षा 1 से 12 तक की विद्यालयी परीक्षाओ में अक्सर आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Essay on Ideal Student in Hindi) लिखने के लिए कहा जाता है। इस आर्टिकल की मदद से आप आसानी से आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 300 शब्दो में, 500 शब्दो में और 1000 शब्दो में लिख सकते हैं।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 300  Words (Adarsh Vidyarthi Hindi Essay)

प्रस्तावना

किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद जब वह बङा होकर विद्यालय जाता है तो वह एक विद्यार्थी बनता है। यह समय उस विद्यार्थी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है और उसके जीवन में अहम भूमिका निभाता है। तब उसके माता-पिता तथा गुरुजन उम्मीद करते है कि वह मेहनती, अनुशसित रहे तथा आदर्श विद्यार्थी बने।

जो विद्यार्थी आदर्श विद्यार्थी बनकर ज्ञान प्राप्त करता है तो वह निश्चिय ही आईएस, आईपीएस जैसी सम्मानीय पदो पर पहुंचता है तथा जो विद्यार्थी आदर्श विद्यार्थी न बनकर अनुशासनहीनता करता है तो उसका भविष्य अंधकार से डूब जाता है।

आदर्श विद्यार्थी कैसा होता है

आदर्श विद्यार्थी बनना आसान कार्य नही होता है। वास्तविकता में आदर्श विद्यार्थी वही होता है जो अपनी कमियो को पहचानता है तथा उसे सुधारता है। आदर्श छात्र सिर्फ किताबो को पढ़कर नही बन सकता है। इसके लिए उसे सभी चीजो का वास्तविक ज्ञान प्राप्त करना होता है।

वह अपने सभी बुरे गुणो का त्याग करके सही मार्ग पर चलता है। अपने माता – पिता तथा गुरुजनों के सभी आदेशो का पालन करता है तथा विद्यालय में आयोजित सभी गतिविधियो में सक्रिय भाग लेती है।

आदर्श विद्यार्थी की विशेषताए

अनुशासनता– आदर्श विद्यार्थी के लिए अनुशासन होना जरुरी है तथा उसे हमेशा माता-पिता, गुरूजना तथा बङो की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

मेहनती- आदर्श विद्यार्थी कार्यो को पूरी लगन तथा मेहनत के साथ करता है।

समय का पाबंद- विद्यार्थी समय का पाबंद होना चाहिए तथा कभी आलस्य नही करना चाहिए।

स्कूल की गतिविधियो में भाग लेना- आदर्श स्टूडेंट स्कूल की सभी गतिविधियो में सक्रिय भाग लेता है।

उपसंहार

कोई भी विद्यार्थी जन्म से पूर्ण होकर पैदा नही होता है किंतु समय के साथ हो जाता है। उसी प्रकार एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए भी कठीन परिश्रम करना पङता है। हालांकि यह कठीन कार्य है लेकिन जो आदर्श विद्यार्थी बन जाता है। वह अपने जीवन में सभी उच्च लक्ष्यो को प्राप्त  करता है।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 500 Words (Essay on Ideal Student in Hindi)

प्रस्तावना

शिक्षा मनुष्य की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है। बिना शिक्षा के मनु्ष्य कभी भी पूर्ण नही हो सकता है। व्यक्ति तभी पूर्ण हो सकता है, जब वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय जाता है। जहां पर व्यक्ति विद्यार्थी बनता है तथा उसे जीवन के सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान करते है।

इसी के साथ विद्यार्थी का एक आदर्श विद्यार्थी होना भी आवश्यक है। एक आदर्श छात्र से यह उम्मीद की जाती है कि उसे सही मार्ग अपनाना चाहिए, लोगो की मदद तथा बङो की आज्ञा का पालन करना चाहिए। कुसंगति से दुर रहना चाहिए। वह अन्य छात्रो के लिए प्रेरणा का श्रोत बने। ऐसा आदर्श विद्यार्थी सभी को प्रिय लगता है।

आदर्श विद्यार्थी का चरित्र

आदर्श छात्र का दुसरो के प्रति व्यवहार ही उसे अन्य विद्यार्थियो से अलग पहचान दिलाता है। उसका व्यवहार नम्र, सहनशील, दयावान, मददगार, समय का पाबंद, भरोसेमंद, अच्छे लोगो की संगति करने वाला तथा दुसरो को सही मार्ग बताने का प्रयास करता है।

आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में- आदर्श छात्र अन्य विद्यार्थियों की तुलना में अधिक होशियार होता है। स्कूल की सभी गतिविधियो में सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। कक्षा में शांति से अध्यन करता है तथा प्रश्न भी पूछंता है। विद्यालय के सभी गुरुजनो का सम्मान भी करता है तथा विद्यालय में समय पर पहुंचता है।

आदर्श विद्यार्थी घर में- आदर्श छात्र न सिर्फ विद्यालय में ही नही बल्कि घर में भी अनुशासित जीवन व्यतीत करता है। वह प्रात: शीघ्र उठता है, व्यायाम, स्नान करना, स्कूल के लिए तैयार होना, नास्ता करना उसकी सामान्य दिनचर्या होती है।

वह माता-पिता का सम्मान करता है तथा उनके आदेशो की पालना करता है। रात्रि में समय पर भोजन करना तथा सोना आदि। इस प्रकार वह एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाता है।

आदर्श छात्र समाज में- आदर्श विद्यार्थी का समाज के लोगो द्वारा सम्मान किया जाता है। कार्यो को शुरू करने से पहले उनकी सलाह ली जाती है। इस प्रकार से वह सामाजिक जिम्मेदारीयो को अच्छे तरीके से निभाता है।

आदर्श विद्यार्थी कैसे बने

आदर्श विद्यार्थी सुनने में जीतना आसान लगता है। वास्तविकता में यह उससे भी कई गुना अधिक कठीन है क्योंकि इसके लिए कठीन मेहनत, लगन, सहनशीलता और समर्पण की आवश्यकता है।

आदर्श छात्र बनने के लिए आपको समय में विद्यालय जाना होगा, पढ़ाई करना, स्कूल की सभी गतिविधियो में बढ़चढ़कर भाग लेना, माता-पिता, गुरुजनो का सम्मान करना होगा। अच्छे लोगो की संगति करना, समय पर उठना तथा सोना, स्वस्थ जीवन शैली अपनानी होगी।

आदर्श विद्यार्थी की विशेषताएं

मेहनती- आदर्श विद्यार्थी मेहनती होता है।

लक्ष्य रखने वाला- वह कभी मुसीबतो से भागता नही है और उनका सामना करके अपने लक्ष्यो को प्राप्त करता है।

समस्या निवारक- वह कभी भी बहाने नही बनाता है बल्कि उन समस्याओ को ही खत्म कर देता है।

सकारात्मकता- उसका दृष्टिकोण सकारात्मक रहता है।

उत्सुकता- वह हमेशा कुछ नया जानने के लिए उत्सुक रहता है।

समय का पाबंद- वह सभी कार्यो को समय पर पूर्ण करता है।

उपसंहार

आदर्श विद्यार्थी एक महत्वपूर्ण गुण है। हालांकि यह काफी कठीन है लेकिन यदि कोई छात्र बचपन से ही इन विशेषताओ को अपनाता है तो वह एक आदर्श छात्र बन सकता है तथा आदर्श विद्यार्थी बनकर जीवन उच्च लक्ष्यो को प्राप्त कर सकता है।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 1000 Words (Adarsh Vidyarthi Nibandh)

प्रस्तावना

जब कोई बालक विद्यार्थी जीवन में प्रवेश करता है तो उसके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण होता है। जहां पर संसार की चीजो का ज्ञान प्राप्त होता है। इसी के साथ जब माता-पिता अपने बच्चे का प्रवेश विद्यालय में करवाते है तो वे ये उम्मीद करते है कि आगे चलकर उनका बच्चा एक आदर्श विद्यार्थी बनेगा तथा उच्च लक्ष्यो को प्राप्त करेंगा।

माता-पिता ही नही बल्कि उसके गुरुजन भी  यही  उम्मीद करते है कि वह आगे माता-पिता व गुरुजनो का सम्मान करेगा। इसलिए आपका एक आदर्श विद्यार्थी के रुप में फर्ज बनता है कि आप उनका पूर्ण सम्मान करे।

किसी विद्यार्थी के लिए आदर्श विद्यार्थी होना अधिक महत्वपूर्ण क्योंकि आज के समय में कई सारे बच्चे कुसंगत में फंसकर बिगङ रहे है। उन्हे कई सारी गंदी आदते लग रही है। जैसे कि शराब, सिगरेट, जुआ आदि। ऐसे आदर्श विद्यार्थियो को इन सभी गंदी आदतो से दूर रहना होगा तथा अपने लक्ष्य को सुनिश्चित करे तथा अपना मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए। इस तरह से आप अपने लक्ष्यो को प्राप्त कर पाएंगे।

आदर्श विद्यार्थी कौन होता है । आदर्श विद्यार्थी की परिभाषा

आदर्श विद्यार्थी किसी विद्यार्थी का वह रुप है, जिसे विद्यालय के विद्यार्थियो, गुरुजनो, माता-पिता व समाज के लोगो द्वारा सम्मान मिलता है। विद्यार्थ को सफल बनने के लिए  आइडियल स्टूडेंट बनना अतिआवश्यक है। यही सफलता की कुंजी है।

एक आदर्श छात्र पूरी लगन से अध्यन करता है तथा विद्यालय, घर तथा समाज के सभी लोगो के साथ अच्छा व्यवहार करता है। सभी लोगो की मदद करता है, विद्यालय की सभी गतिविधियो में भाग लेता है तथा कक्षा में, खेल में तथा सामाजिक कार्यक्रमों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है।

आदर्श विद्यार्थी के जीवन का प्रथम लक्ष्य ज्ञान प्राप्ति

आदर्श विद्यार्थी के जीवन का प्रथम लक्ष्य ज्ञान अर्जित करना होता है और गुरुजन ही विद्या प्राप्ति के माध्यम है। जिन्हे हम आज के समय में अध्यापक या शिक्षक भी कहते है। गुरुजनो से शिक्षा प्राप्त करने के लिए अतिआवश्यक है कि हम उनके प्रति नम्र रहे तथा कुछ समझ न आने पर बार बार पूंछे। गांधी जी भी कहते थे कि जिनमें नम्रता नही होती है, वे कभी भी शिक्षा का पूर्ण सदुपयोग नही कर पाते है।

कुछ नया जानने की उत्सुकता

किसी भी विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए जिज्ञासा का होना आवश्यक है। जिज्ञासा के बिना ज्ञान कभी प्राप्त नही होता है। विद्यार्थी में जिज्ञासा का गुण उसकी बुद्धि का विकास करता है। जिज्ञासा तथा एकाग्रता सखीयां है। विद्या प्राप्ति के लिए एकाग्रचित्तता का गुण होना आवश्यक है। इसलिए आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए पढ़ाई के दौरान जिज्ञासा का होना अतिआवश्यक है।

विद्यार्थी से आदर्श विद्यार्थी तक की यात्रा के सहयोगी

एक विद्यार्थी को आदर्श विद्यार्थी बनानें में उनके माता-पिता की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब वे अपने बच्चे का दाखिला विद्यालय में करते है तो वे अपने बच्चे से उम्मीद करते है कि उनका कक्षा में प्रथम आए तथा विद्यालय में सबसे अच्छा प्रदर्शन करे और अन्य विद्यार्थियो के लिए आदर्श बने।

हालांकि कई बच्चे ऐसे भी होते है जो एक आदर्श विद्यार्थी बनना चाहते है लेकिन दृढ़ संकल्प तथा अन्य कारको की कमी के कारण  नही बन पाते है। हालांकि इसमें विद्यार्थी की कोई गलती नही होती है। इस समय उनके माता-पिता को विद्यार्थी के समग्र व्यक्तित्व बदलने तथा सकारात्मक वातावरण बनाना चाहिए। इस तरह से किसी विद्यार्थी का एक आदर्श विद्यार्थी बननें में उसके माता-पिता का अहम योगदान होता है।

एक विद्यार्थी आदर्श छात्र कैसे बनता है

एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए सबसे पहले आपको आत्मनिर्भर बनना होगा। आत्मनिर्भरता का अर्थ है कि स्वंय पर भरोसा होना चाहिए तथा किसी अन्य पर निर्भर नही रहना चाहिए।

अनुशासन आइडियल स्टूडेंट का मुख्य गुण होता है। विद्यार्थी को हमेशा अपने माता-पिता, गुरुजनो व बङो की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

आदर्श छात्र बनने के लिए आपको समय का पाबंद बनना होगा। अपनी सभी दिनचर्या का समय निश्चित करे।

स्कूल की सहपाठचर्या गतिविधियो या समाज के कार्यक्रमो में उत्सुकता के साथ भाग ले तथा उसे पूरी लगन  के साथ पूरा करे।

अच्छे विद्यार्थी में सहायता का गुण होना अनिवार्य है। हमेशा दुसरो की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अपने अंदर कभी भी स्वार्थ का गुण नही होना चाहिए।

आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए जरुरी है कि आप अच्छे विद्यार्थियो की संगत करे। जो सभी से अच्छा व्यवहार करे तथा समय पर पढ़ाई करते हो। चुंकि आपकी संगति आपके व्यवहार को काफी ज्यादा प्रभावित करती है।

एक आदर्श विद्यार्थी के लिए जरुरी है कि वह स्वस्थ जीवनशैली को अपनाए तथा कभी आलस्य करे। स्वस्थ जीवनशैली से तात्पर्य है कि प्रात: जल्दी उठना, योग-व्यायाम करना, स्नान करना, विद्यालय जाने के लिए तैयार होना,  समय पर गृहकार्य करना, कुछ समय मनोरंजन में व्यतीत करना तथा रात में समय पर सो जाना।

ऐसा विद्यार्थी हमेशा उत्साह, जिज्ञासा, जोश और उमंग पूर्ण होता है। इन सभी गुणो वाला विद्यार्थी ही वास्तविकता में आदर्श विद्यार्थी कहलाता है।

आदर्श विद्यार्थियो के लक्षण

अनुशासित जीवन व्यतीत करता है- एक सम्मानपूर्वक तथा आनंदपूर्ण  जीवन के लिए शिक्षा तथा अनुशासन होना अनिवार्य है। इसलिए आदर्श विद्यार्थी स्कूल, घर तथा समाज में अनुशासित जीवन व्यतीत करता है और अपने माता-पिता, गुरुजनो व बङो का सम्मान करता है और उनके आदेशो का पालन करता है।

सगंठित तथा संयोजित रहता है- वह हमेशा संगठित तथा संयोजित रहता है तथा सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कमरे, अलमारी, अध्यन सामग्री, अध्यन मेज तथा अपने आस-पास के वातावरण को सुव्यवस्थित रखता है।

सहायता के लिए तत्पर रहता है- विद्यार्थी हमेशा में दुसरो की निस्वार्थ भाव से सेवा करने  का गुण होना चाहिए। ऐसे विद्यार्थी दुसरे लोगो की मदद करना अपना प्रथम कर्तव्य मानता है।

समय का पाबंद होता है- वह अपनी कार्यो को पूरा करने के लिए समय निर्धारित करता है तथा उसे तय समय पर पूरा करता है। जैसे- सुबह उठना, व्यायाम, पढ़ाई, खाना, मनोरंजन, गृहकार्य और सोने आदि।

कार्य पहले करने का उत्साह- आदर्श विद्यार्थी कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक रहता है और कार्य को सबसे पहले करने की कोशिश करता है।

उपसंहार

वास्तविकता में एक आदर्श विद्यार्थी वही है जो नम्र और सहनशील हो तथा सभी के साथ अच्छा व्यवहार करे। हालांकि आदर्श विद्यार्थी बनना कठिन कार्य है लेकिन आप सिर्फ आदर्श विद्यार्थी बनकर ही अपने लक्ष्यो को प्राप्त कर सकते है।

आदर्श विद्यार्थी पर 10 लाइनें – Adarsh Vidyarthi Hindi Essay

  • एक Ideal Student सभी विद्यार्थीयो तथा गुरुजनो के लिए प्रेऱणा का स्रोत होता है।
  • एक आदर्श विद्यार्थी सभी अन्य विद्यार्थीयो, गुरुजनो व लोगो द्वारा सम्मान प्राप्त करते है।
  • ऐसे छात्र माता – पिता व गुरुजनो को अतिप्रिय होते है।
  • आदर्श विद्यार्थी अपने माता पिता, गुरुजनो व बङे-बुजुर्गो की आज्ञाओ का पालन करते है।
  • आइडियल विद्यार्थी सभी गतिविधियो में सक्रियता से भाग लेते है तथा वे कभी आलस्य नही दिखाते है।
  • ऐसे विद्यार्थी हमेशा कुछ नया जानने के लिए इच्छुक रहते है।
  • आदर्श छात्र कभी भी झूठ नही बोलते है।
  • ये सभी जरुरतमंद लोगो की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है।
  • ये न ही किसी के बारें में बुरा सोचते है तथा न ही बुरा करते है।
  • आदर्श विद्यार्थी सदैव सकारात्मक रहता है तथा नकारात्मक वातावरण से दुर रहता है।

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