सीएजी का मतलब क्या है और इसके कार्य और शक्तियां : CAG Full Form In Hindi

CAG Full form in Hindi: CAG यह भारत का सर्वोच्च लेखा परीक्षक संस्थान है, जो सरकार के सभी खातों का निरीक्षण करती है। भारत में जब 2G स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ था, तो उस वक्त CAG बहुत ज्यादा हाइलाइट हुआ था।

इस घोटाले के बाद हर कोई जानना चाहता है कि CAG क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या है? CAG एक स्वतंत्र संस्था है जो सीधा भारत के राष्ट्रपति को रिपोर्ट करती है। कैग (CAG) को राष्ट्रपति द्वारा छह साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है।

CAG का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों को ठीक से बनाए रखना और समयबद्ध तरीके से ऑडिट करना है। यह संस्था भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

मैं आपको इस आर्टिकल में सीएजी की फुल फॉर्म क्या है, कैग (CAG) क्या है, CAG कौन होता है, CAG Article क्या है, CAG के कार्य और शक्तियां क्या हैं, इत्यादि के बारे में विस्तार से बताऊंगा।

सीएजी की फुल फॉर्म (CAG Full Form in Hindi)

CAG की Full Form “Comptroller and Auditor General” है, और इसकी in Hindi में फुल फॉर्म “नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक” है। यह भारत का सर्वोच्च Audit Institution है, जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित किया गया है।

सीएजी एक स्वतंत्र संस्था है जो सरकार के खातों से संबंधित किसी भी मामले पर रिपोर्ट बनाना है। अभी कुछ समय पहले 2G स्पेक्ट्रम का घोटाला हुआ था, जिसकी जांच CAG ने ही की थी। इस घोटाले के बाद CAG भारत में काफी हाइलाइट हो गयी है, और इसलिए बहुत सारे लोग जानना चाहते है कि CAG क्या है?

चलिए मैं आपको CAG (Comptroller and Auditor General) के बारे में विस्तार से बताता हूँ।

सीएजी (CAG) क्या है

सीएजी (CAG) का फुल फॉर्म “कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल” है. यह भारत का सर्वोच्च लेखा परीक्षक संस्थान है. इस संस्थान को भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित किया गया है। यह संस्था भारत सरकार, उसकी एजेंसियों और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षा करने के लिए जिम्मेदार होती है।

CAG संभवत भारत के संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी है जो यह देखता है कि संसद द्वारा अनुमान्य खर्चों की सीमा से अधिक धन खर्च ना हो पाए। CAG अधिकारी केंद्रीय और राज्य सरकार के सभी खातों का निरिक्षण और ऑडिट करता है।

सीएजी सरकार के खातों से संबंधित किसी भी मामले पर रिपोर्ट बना सकती है, जिसे सीधा राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत किया जाता है। CAG की रिपोर्टें सरकार की वित्तीय और प्रदर्शन पर जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इनका उपयोग संसद, मीडिया और जनता द्वारा सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए किया जाता है।

भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी CAG हैं। विभिन्न देशों के सीएजी के अलग-अलग नाम हैं, लेकिन उन सभी के मूल कार्य समान हैं। सीएजी संस्था की वजह से सभी सरकारें अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह रहती हैं।

कैग (CAG) की स्थापना कब हुई

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की सबसे पहले स्थापना 1885 में हुई थी, और इसी साल सेCAG का इतिहास भी शुरू हुआ था। भारत में CAG की स्थापना ब्रिटिश सरकार ने की थी, ताकि वे भारत का प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथ में ले सके।

उस समय, महालेखाकार का कार्यालय स्थापित किया गया था, जिसका कार्य भारत सरकार के खातों का लेखा-परीक्षा करना था. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, महालेखाकार का कार्यालय भारत सरकार के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत पुनर्गठित किया गया।

संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत CAG एक स्वतंत्र संस्थान है जो सीधे भारत के राष्ट्रपति को रिपोर्ट करेगा। CAG ने भारत की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। CAG की रिपोर्ट सरकार के वित्तीय और प्रदर्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।

वर्तमान में CAG कौन है

वर्तमान में, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) श्री गिरीश चंद्र मूर्मू हैं. उन्हें 8 अगस्त, 2020 को इस पद पर नियुक्त किया गया था जो भारत के 14वें CAG है।

एक सीएजी का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है जिसे राष्ट्रपति के द्वारा चुना जाता है। सीएजी अधिकारी केंद्र और राज्य सरकार के वित्तीय लेखे-जोखे की रिपोर्ट  को सीधा राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत करता है।

CAG भारत के संविधान में एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसे संविधान में महत्वपूर्ण शक्तियां भी दी गयी हैं। एक CAG अधिकारी को उसके सिद्ध दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर ही हटाया जा सकता है।

CAG की शक्तियां कौन कौनसी हैं

CAG को भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 में बहुत व्यापक शक्तियां दी गयी हैं ताकि CAG आसानी से सरकार के वित्तीय मामलों पर गहन जांच कर सके। सीएजी की शक्तियां उसे एक स्वतंत्र और प्रभावी संस्था बनाती हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करती है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत CAG को निम्न शक्तियां दी गयी हैं:

  1. CAG सभी सरकारी खातों का निरीक्षण और लेखा-परीक्षा करने के लिए स्वतंत्र है।
  2. CAG को दस्तावेजों और रिकॉर्ड का उत्पादन करने की आवश्यकता हो सकती है।
  3. CAG गवाहों को बुला सकता है और उनकी जांच कर सकता है।
  4. CAG सरकार के खातों से संबंधित किसी भी मामले पर रिपोर्ट कर सकता है।

सीएजी की रिपोर्ट सरकार के वित्तीय और प्रदर्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं। इसकी रिपोर्ट सरकारों को नागरिकों के प्रति जवाबदेही बनाती है।

CAG (कैग) के कार्य क्या हैं

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के कार्य के बारे में भी संविधान के अनुच्छेद 148 में विस्तार से बताया गया है। सीएजी के निम्नलिखित कार्य होते हैं:

  1. सरकार को वित्तीय मामलों पर सलाह देना
  2. वित्तीय अनियमितताओं की जांच करना
  3. प्रस्तावित कानूनों के वित्तीय निहितार्थ का मूल्यांकन करना
  4. यह सुनिश्चित करना कि सरकार की संपत्ति कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से उपयोग की जाती है
  5. लेखा-परीक्षा करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत सरकार, उसकी एजेंसियों और राज्य सरकारों के खाते सही और पारदर्शी हो
  6. प्रदर्शन लेखा परीक्षा करना ताकि सरकारी कार्यक्रमों और परियोजनाओं की दक्षता और प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके

CAG Article In Hindi

सीएजी को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 (Article 148) के द्वारा स्थापित किया गया है। इस लेख में CAG की नियुक्ति, पदावधि, शक्तियों और कर्तव्यों को निर्धारित किया गया है।

अनुच्छेद 148 के अनुसार,  CAG को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और वह छह साल की अवधि के लिए पद पर रहता है। एक CAG अधिकारी को केवल प्रमाणित दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर ही हटाया जा सकता है।

इसके अलावा अनुच्छेद 149,  अनुच्छेद 150, अनुच्धेद 151 और अनुच्छेद 279 में भी CAG के बारें में कुछ संवैधानिक प्रावधान दिए गए है। जैसे-

अनुच्छेद – 149 में CAG के कर्तव्यों और शक्तियों के बारे में बताया गया है।

अनुच्छेद – 150 के अनुसार केंद्र और राज्यों को अपने खातों का विवरण CAG के अनुसार रखना होगा।

अनुच्छेद – 151 के अनुसार CAG संघ के सभी खातों की रिपोर्ट राष्ट्रपति कोको देगी। और फिर उन रिपोर्ट को संसद के प्रत्येक सदन के पटल पर रखी जाएगी। इसके अलावा राज्यों के खातों से संबंधित रिपोर्ट को राज्य के राजपाल को दी जाएगी, जिसे राज्यपाल राज्य की विधान मंडल के सामने रखेंगे।

अनुच्छेद  – 279 के अनुसार CAG “शुद्ध आय” की गणना को प्रमाणित करेगी जिसे अंतिम प्रमाण पत्र माना जाएगा।

CAG के महत्वपूर्ण फायदे

भारतीय संविधान में CAG एक महत्वपूर्ण पहलू है जो सरकार को नागरिकों के प्रति जवाबदेही और पारदर्शी बनाता है। सीएजी जैसे संस्थाएँ भारत के अलावा अन्य देशों में भी हैं। भारत को सीएजी की वजह से निम्नलिखित फायदे हुए हैं।

  1. सीएजी की वजह से कई भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा होता है।
  2. इसने सरकार को अनुचित खर्चों को कम करने में मदद की है।
  3. इसकी वजह से सरकार की वित्तीय प्रबंधन में सुधार आया है।
  4. इससे सरकार की नागरिकों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है।
  5. सीएजी देश के विकास के लिए एक महत्वूपर्ण संस्था है।

CAG के लिए नियुक्ति कैसे होती है

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है। किसी भी CAG अधिकारी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, जो छह साल के कार्यकाल के पद पर रहता है।

एक CAG अधिकारी की नियुक्ति निम्नलिखित प्रक्रिया से होती है:

  1. भारत के राष्ट्रपति एक समिति का गठन करते हैं, जिसे CAG नियुक्ति समिति कहा जाता है. समिति में भारत के प्रधान मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं।
  2. समिति CAG के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करती है।
  3. राष्ट्रपति इन सिफारिशों के आधार पर CAG की नियुक्ति करता हैं।

CAG की नियुक्ति सीएजी नियुक्ति समिति के बीच होती है, जिसकी वजह से एक योग्य और स्वतंत्र CAG की नियुक्ति हो पाती है।

सीएजी नियुक्ति समिति का गठन 1971 में किया गया था। इससे पहले, CAG की नियुक्ति भारत के गवर्नर-जनरल द्वारा की जाती थी।

मैं आपको पहले ही पता चुका हूँ कि वर्तमान में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक श्री गिरीश चंद्र मूर्मू हैं, जिन्हे 8 अगस्त 2020 को नियुक्त किया गया था।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कौन करता है

एक सीएजी अधिकारी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले एक CAG नियुक्ति समिति बुलाई जाती है। इस समिति में सीएजी के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश की जाती है, जिसके बाद इन सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति किसी एक को सीएजी के लिए नियुक्त करते है।

इससे पहले, सीएजी की नियुक्ति भारत के गवर्नर-जनरल के द्वारा की जाती थी।

CAG और CGA में क्या अंतर है

CAG और CGA दोनों ही लेखा परीक्षक हैं, लेकिन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।

CAG (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) भारत सरकार का सर्वोच्च लेखा परीक्षक होता है, जो भारत सरकार, उसकी एजेंसियों और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षा करने के लिए जिम्मेदार होता है। CAG प्रदर्शन लेखा परीक्षा के लिए भी जिम्मेदार होता है ताकि सरकारी कार्यक्रमों और परियोजनाओं की दक्षता और प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।

जबकि CGA (प्रमाणित लेखा परीक्षक) एक पेशेवर लेखाकार होता है जो किसी संगठन के वित्तीय विवरणों की स्वतंत्र रूप से जांच पड़ताल करता है। CGA को आमतौर पर एक निजी कंपनी, गैर-लाभकारी संगठन या सरकारी एजेंसी द्वारा नियुक्त किया जाता है।

CAG और CGA दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। CAG भारत सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करता है, जबकि CGA निजी क्षेत्र में वित्तीय विवरणों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में मदद करता है।

कुछ अन्य CAG की फुल फॉर्म

CAG के कुछ अन्य फुल फॉर्म भी हैं, जो निम्नलिखित हैं-

CAG Full FormCategory
Cagliari Elmas AirportTransport & Travel
Combat Applications GroupGovernmental
Conagra BrandsStock Market
Canadian Association of GeographersAssociations & Organizations
Citrix Access GatewayDiseases & Conditions
Closed-Angle GlaucomaMedical
Consensus Audit GuidelinesComputing
Chassis Air GuideComputing
Chinese Academy of GovernanceAcademic & Science
Compound Annual Growth RateFinance
Consumer Action GroupRegional Organizations
Communication Arts GuildRegional Organizations
Changi Airport GroupCompanies & Corporations
Citizens For Accountable GovernanceRegional Organizations
Coronary Artery GraftInstruments & Equipment
Citrix Access GatewayInternet
Crédit Agricole GroupBanking
Certified Ambulance GroupCertifications
Commercial Artists GuildTrade Associations
Chassis Air GuideHardware
China National Aviation CorporationCompanies & Corporations
Chicago American GiantsBaseball
Cytosine Adenine And GuanineChemistry

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FAQs?

Q. भारत के प्रथम CAG कौन थे?

उत्तर: भारत के पहले CAG अधिकारी वी. नरहरि राव है |  

Q. भारत के सीएजी को कौन हटा सकता है?

उत्तर: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) को केवल सिद्ध दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर ही हटाया जा सकता है. CAG को हटाने के लिए, भारत के संसद के दोनों सदनों को बहुमत से एक प्रस्ताव पारित करना पड़ता है। सीएजी को राष्ट्रपति के द्वारा उसी प्रक्रिया से हटाया जाता है जिस प्रक्रिया से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीस को हटाया जाता है।

Q. भारत के वर्तमान में सीएजी कौन है ?

उत्तर: भारत के वर्तमान सीएजी श्री गिरीश चंद्र मुर्मू  है जिन्हे 8 अगस्त 2020 को नियुक्त किया गया था।

Conclusion

इस आर्टिकल में, मैने CAG के बारे में विस्तार से बताया है। CAG भारत के संविधान में एक महत्वपूर्ण पहलू है जो देश के विकास में अहम भूमिका निभाता है। उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, अगर हां तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो CAG Full form in Hindi में जानना चाहते है।

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