ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – Global Warming Essay in Hindi

Global Warming Essay in Hindi: पृथ्वी की गंभीर समस्याओं में से एक समस्या ग्लोबल वार्मिंग भी है। आज के समय में तकनीकी विकास तेजी से हो रहा है जिसके साथ पृथ्वी के पर्यावरण की गुणवत्ता को गंभीर नुकसान भी हो रहा है। अपर्याप्त अनुसंधान और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दुरुपयोग से दुनिया के लिए कई गंभीर समस्याएं पैदा हो रही है, जिसमें से एक Global Warming है।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध से हम इसकी अवधारणा, कारणों और प्रभावों के बारें समझ सकते है। आज स्कूल व कॉलोजों में भी विद्यार्थीयों को ग्लोबल वार्मिंग के बारे समझाया जा रहा हैं। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग से ग्रीन हाउस गैस प्रभाव प्रभाव बढ़ा रहा है, जिससे आने वाले समय में हमें बहुत खतरा है।

हमने इस आर्टिकल में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 150, 300 और 1000 शब्दों में लिखा हैं।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 150 शब्दों में

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पृथ्वी के औसत तापमान में लगातार वृद्धि की वजह से पैदा हो रही है। हालांकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन हाल के दशकों में यह समस्या मानवीय गतिविधियों से काफी तेजी से बढ़ रही है, जो मानव जीवन के लिए काफी गंभीर समस्या है।

Global Warming का सबसे बड़ा कारण ग्रीन हाउस गैसे हैं, जो सूर्य की किरणों को वापिस जाने नही देती है। इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता हैं, और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पैदा होती है। मानवीय गतिविधियों से निकलने वाली प्रमुख ग्रीनहाउस गैसें निम्नलिखित हैं-

  1. मेथेन (CH4)
  2. कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
  3. नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)
  4. हाइड्रो-फ्लोरोकार्बन (HFCs)
  5. क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन (CFCs)
  6. परफ्लुओरो कार्बन (PFCs)

ये ग्रीन हाउसीय गैसे वन कटाई, औद्योगीकरण, वाहन, और जीवाश्म ईंधन का दहन, जैसे कोयला, तेल एवं प्राकृतिक गैसे आदि से उत्पन्न होती है। ग्लोबल वार्मिंग से कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे तापमान में वृद्धि, जैव विविधता में कमी, गंभीर बीमारियां, समुद्र के स्तर में वृद्धि, पर्यावरणीय असंतुलन, कृषि उत्पादन में कमी आदि।

इसलिए ग्लोबल वार्मिंग को रोकना बहुत आवश्यक है।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 300 शब्दों में

प्रस्तावना (Global Warming Essay in Hindi)

आज इस दुनिया में हर कोई विकसित होना चाहता है, लेकिन इस विकास के साथ हमें प्रकृति का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है, अन्यथा पृथ्वी से सभी जीवों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। वर्तमान में आधुनिक विकास के साथ कई गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही है, जिसमें से एक ग्लोबल वार्मिंग भी है।

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पृथ्वी पर लगातार तापमान बढ़ने की वजह से उत्पन्न हो रही है। यह समस्या मानवीय प्रदुषण की वजह से और ज्यादा बढ़ रही है। इसके कारणों और प्रभावों को समझना बहुत जरूरी है, अन्यथा हम अपनी दुनिया को नही बचा पाएंगे।

ग्लोबल वार्मिंग किसे कहते है

पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर आती है तो यह किरणें पृथ्वी से टक्कराकर वापिस ऊपर जाने लगती है। लेकिन ग्रीन हाउसीय गैसों की वजह से वह किरणें वापिस नही जा पाती है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है। और इसी प्रभाव को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण

ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसे है, जैसे- कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन, और नाइट्रस ऑक्साइड। इन गैसों की वजह से सूर्य की किरणें वापिस नही जा पाती है और पृथ्वी की अन्य गर्मी भी बाहर नही जा पाती है। ग्लोबल वार्मिंग मानवीय और प्राकृतिक दोनों कारणों से होती हैं।

हालांकि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या मानवीय गतिविधियों से काफी ज्यादा पढ़ रही है। उदाहरण के लिए, मानवीय प्रदुषण, वनों की कटाई, जीवाश्म ईंधनों का दहन, औद्योगिकरण, कृषि आदि।

ग्लोबल वार्मिंग के उपाय

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को हल करने के लिए हमें अपनी प्रकृति को बचाना होगा। इसका मतलब है कि हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने होंगे। हमें प्रदुषण को कम करना होगा। हमें प्रकृति से प्राप्त सभी संसाधनों का सोच समझकर सदुपयोग करना होगा। हमें जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना होगा, और साथ ही उर्जा दक्षता में सुधार करना होगा।

उपसंहार (ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध)

ग्लोबल वार्मिंग पूरी दुनिया के लिए एक बहुत गंभीर समस्या है, जिसका पृथ्वी पर बहुत गहरा प्रभाव पढ़ सकता है। इससे पृथ्वी पर पूरा जीवन संघट में आ सकता है, इसलिए हमें मिलकर Global Warming को रोकना होगा। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध हमें ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए जागरूक करता है।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध 1000 शब्दों में

प्रस्तावना (Essay On Global Warming in Hindi)

पिछले कुछ सालों से लगातार पृथ्वी के औसत तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो रही है, जो हमारे लिए बहुत बड़ा खतरा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में वृद्धि और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप पैदा हो रही है।

Global Warming की इस समस्या को हल करना बेहद जरूरी है, अन्यथा भविष्य में हमें इसके बहुत गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते है। हमें ग्लोबल वार्मिंग के कारणों और इसके प्रभावों के बारे में समझना होगा, और इसे रोकने का प्रयास करना होगा।

ग्लोबल वार्मिंग क्या है

ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी घटना है जिसकी वजस से पृथ्वी का औसत तापमान लगातार बढ़ रहा है। यह जलवायु परिवर्तन का एक प्रभाव है। आज के समय में पृथ्वी का औसत तापमान हर एक मिनट में बढ़ रहा है, और साथ ही खतरा भी बढ़ रहा है.

Global Warming का सबसे बड़ा कारण ग्रीनहाउस गैसे है जो सूर्य की वापिस अंतरिक्ष में जाने से रोक देती है। और जब सूर्य की किरणें पृथ्वी से टक्करा कर वापिस नही जा पाती है तो इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है। इसलिए ग्लोबल वार्मिंग को ग्रीन हाउस गैस प्रभाव भी कहा जाता है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण

ग्लोबल वार्मिंग के कई कारण है जो हमें विनाश की ओर ले जा रहे हैं। ये कारण निम्नलिखित हैं-

1. ग्रीन हाउस गैसें

ग्रीन हाउस गैसों में कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, और क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन जैसी गैसे शामिल होती हैं। यह गैसे मुख्यत: जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्पन्न होती है। ग्लोबल वार्मिंग मुख्यत: प्रदुषण की वजह से हो रहा है।

वाहनों और कल कारखानों की वजह से सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड गैसे निकलती है, जो ग्रीन हाउस गैस प्रभाव को बढ़ाता है।

2. औद्योगिकरण (कल कारखाने)

औद्योगिकरण भी ग्लोबल वार्मिंग का एक मुख्य कारण बन रहा है। क्योंकि कल कारखानों से अनेक तरह की जहरीली गैसे निकलती है जो वायुमंडल में जाती है और ग्रीन हाउस प्रभाव को बढ़ाती है। यह गैसे हमारे पर्यावरण प्रदूषण को भी काफी हद तक बढ़ाती है।

3. वनों की कटाई

वनों की कटाई भी ग्लोबल वार्मिंग का एक बहुत बड़ा कारण है। क्योंकि पेड़ पौधे कार्बन डाईऑक्साइड गैस को अवशोषित कर लेते है और बदले में हमें ऑक्सीजन देते है। इसके अलावा वन पर्यावरण को संतुलित रखने में काफी मदद करते है। यह पृथ्वी के तापमान को भी संतुलित रखने का काम करते है।

4. पेट्रोल व डीजल वाहन

वाहनों से निकलने वाला धुंआ ग्लोबल वार्मिंग का एक बहुत बड़ा कारण है। क्योंकि वाहनों से सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है जो ग्रीन हाउस के प्रभाव को बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। इससे तापमान कई हद तक बढ़ जाता है।

5. जीवाश्म ईंधन का दहन

जीवाश्म ईंधन की उत्पत्ति लाखों वर्षों से दबे कार्बन आधारित जीवों के अपघटन से हुई है। इन जीवाश्म ईंधनों के दहन से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है। इसलिए हमें इन जीवाश्मों इंधनों का सही ढंग से उपयो कगरना चाहिए। इसके अलावा ऊर्जा के लिए हमा पवन ऊर्जा व सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर सकते है।

6. अपशिष्ट पदार्थ

अपशिष्ट पदार्थ यानी ठोस कचरे का अनुचित निपटान करने से भी ग्रीन हाउस प्रभाव बढ़ता है। क्योंकि कचरों में उच्च मात्रा में मीथेन और नाइट्स ऑक्साइड गैस होती है जो अंतत: ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती है।

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव

ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों को वर्तमान में देखा जा सकता है। इसके नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं-

  1. ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है जिससे पर्यावरण में कई तरह के परिवर्तन आ रहे है, जैसे समुद्र स्तर का बढ़ना। चूंकि गर्मी से ग्लेशियर और हिमखंड जल्दी से पिघल रहे है, और समुद्र का स्तर बढ़ा रहे है।
  2. अधिक तापमान समुद्री लहरों का कारण बनती है, जिससे विभिन्न क्षैत्रों में तापमान का अनुपात असंतुलित हो जाता है। इससे सूखा, बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं।
  3. अत्यधिक तापमान से वातावरण असंतुलित हो जाता है और इससे मनुष्यों पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। क्योंकि मनुष्य जल्दी से परिवर्तित वातावरण के लिए अनुकूल नही हो पाता है, और इससे अनेक बीमारियां फैल जाती है।
  4. ग्लोबल वार्मिंग से जैव विविधता भी प्रभावित होती है। क्योंकि इससे वातावरण असंतुलित हो जाता है, और ऐसे वातावरण के लिए जीव जंतु आसानी से अनुकूलित नही हो पाते है।
  5. ग्लोबल वार्मिंग से पारिस्थितिकी तंत्र का काफी ज्यादा विनाश होता है।

ग्लोबल वार्मिंग के समाधान

ग्लोबल वार्मिंग के कारणों को समझने के बाद हम इसे रोकने के लिए कदम उठा सकते है। इसे रोकना बहुत जरूरी है, अन्यथा हमारा भविष्य संघट में आ जाएगा। Global Warming का समाधान आप निम्नलिखित तरीके से कर सकते है।

  1. परिवहन के लिए पेट्रोल व डीजल वाहनों का उपोयग बहुत कम कर देना चाहिए। और इसकी जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए।
  2. प्लास्टिक ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा स्रोत है, इसलिए प्लास्टिक को कम से कम इस्तेमाल करें। और जिन प्लास्टिक का हम इस्तेमाल करते है, उन्हे रिसाइकिल भी करें।
  3. वनारोपण में ज्यादा से ज्यादा सहयोग दे, क्योंकि वन ही हमारे भविष्य को सुरक्षित बना सकते है।
  4. जनसंख्या को नियंत्रित करने कोशिश करें, ताकि हमें कम संसाधनों की जरूरत पड़ें।
  5. फालतू की चीजों का उपयोग न करें, ताकि औद्योगिकरण को सीमित किया जा सके।
  6. जीवाश्म ईंधनों का उपयोग कम से कम करें, और ऊर्जा के लिए कुशल उपकरणों का उपयोग करें।
  7. नवीकरणीय उर्जा स्रोतों, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जलविद्युत ऊर्जा का इस्तेमाल करें।

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है

ग्रीन हाउस एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें सूर्य की किरणों को वापिस जाने से रोक दिया जाता है। पृथ्वी के वायुमंडल में कुछ गैसें है जिन्हे ग्रीन हाउस गैसे कहा जाता है। यह गैसे पृथ्वी पर आने वाली यूर्य की ऊर्जा को वापिस अंतरिक्ष में जाने से रोकती है। ताकि पृथ्वी का तापमान गर्म रहे, और प्रकृति अच्छे से काम कर पाए।

लेकिन आधुनिक विकास के कारण ग्रीन हाउस की गैसे काफी ज्यादा बढ़ गयी है, जो पृथ्वी की ऊर्जा को बिल्कुल भी बाहर नही जाने दे रही है। और इसी वजह से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पैदा हो रही है।

उपसंहार

ग्लोबल वार्मिंग पूरी दुनिया के लिए एक जटिल समस्या है, जिसे हल करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। अगर हम अपने जीवन में छोटा-सा भी बदलाव करें, तो आने वाले कुछ वर्षों में हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को खत्म कर सकते है। मतलब हम वनारोपण कर सकते है, जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को कम कर सकते है और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर सकते है।

Essay On Global Warming in Hindi हमें ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के लिए जागृत करता है।

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