दीपावली पर निबंध 300, 500 और 1000 शब्दों में – Diwali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi: आप यह जरूर जानते होंगे कि दिवाली अब काफी नजदिक आ चुकी है, और लोगों ने अभी से दिवाली की तैयारियां शुरू कर दी है। दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है जिसे पांच दिनों तक लगातार मनाया जाता है। स्कूलों में दिवाली के त्योहार के समय होमवर्क में बच्चों को दीपावली पर निबंध 300, 500 और 1000 शब्दों में लिखने के लिए दिया जाता है।

अगर आपको भी टिचर ने दिवाली पर 300, 500 या 1000 शब्दों में निबंध लिखने के लिए कहा है तो यह आर्टिकल पूरा पढ़े। मैने इस आर्टिकल में, दिवाली पर निंबध लिखने का काफी आसान तरीका बताया है जिससे आप अपनी क्लास में सबसे ज्यादा नंबर प्राप्त कर सकते है।

दिपावली पर निबंध कैसे लिखे

दीपावली भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। स्कूलों में अक्सर होमवर्क के लिए दिपावली पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा कई बार स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता भी होती है।

अगर आप सबसे अच्छा निबंध लिखना चाहते है तो आपको सबसे पहले निबंध की रूपरेखा लिखनी चाहिए, जिसमें निबंध परिचय, मु्ख्य भाग और उपसंहार शामिल होना चाहिए। अगर आप निबंध को Points बनाकर लिखते है तो निबंध और ज्यादा अच्छा दिखता है। चलिए मैं आपको दीपावली पर निबंध 300, 500 और 1000 शब्दों में लिखकर बताता हूँ।

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिपावली पर निबंध लिखने से पहले रूपरेखा लिखे, और फिर निबंध लिखना शुरू करें।

रूपरेखा– 1. प्रस्तावना, 2. दिपावली त्यौहार मनाने का कारण, 3. दिपावली का महत्व, 4. उपसंहार

प्रस्तावना

दीपावली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है जो हर साल हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। भारत में दिपावली के त्यौहार को धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के रूप में 5 दिनों तक मनायी जाती है।

दीपावली की तैयारी कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों को साफ करते है और सजाते है। वे घरों को रंगीन रोशनी, दीयों और रंगोली से सजाते है। घरों में लक्ष्मी की पूजा की जाती है और फिर पटाखे जलाए जाते हैं।

अगले दिन लोग नए कपड़े पहनते है और एक दूसरे से मिलते है। दिवाली काफी हर्षोल्लास का त्यौहार है।

दिपावली त्यौहार मनाने का कारण

दीपावली भारत में हर साल दशहरा (Dashahra) के बाद मनायी जाती है। भारत में यह त्यौहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण को मारकर 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या लोटे थे। जब राम जी अयोध्या लौटे थे तो वहां के लोगों ने राम जी के स्वागत के लिए पूरी अयोध्या नगरी को दीयों से सजाया था। इसी कारण आज भी हर घर में रोशनी करके दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है.

दिपावली का महत्व

दीपावली, जो कि भारतीय पर्वों में से एक है, एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रेरणा देता है। दिवाली के दिन हम लक्ष्मी पूजा करते है ताकि घर में धन समृद्धि बनी रहे। इसके अलावा यह त्यौहार परिवारों और दोस्तों को एक साथ मिलाता है, और खुशिया लाता है।

उपसंहार

दीपावली को भारतीय समाज में एक बड़ा और आनंदमय पर्व माना जाता है। यह त्यौहार लोगों के मनों में उज्जाला लाने का कार्य करता है।

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में – Diwali Essay in 500 Words

जैसा की मैने बताया कि दिपावली पर निबंध लिखने से पहले रूपरेखा लिखे, और फिर निबंध लिखना शुरू करें।

रूपरेखा – 1. प्रस्तावना, 2. दिपावली प्रकाश का त्यौहार, 3. दिपावली के धार्मिक महत्व, 4. दिपावली के सामाजिक महत्व, 5. उपसंहार

प्रस्तावना

दीपावली हिंदुओ का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार को हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत और ज्ञान पर अज्ञानता की जीत का प्रतीक है।

दिपावली प्रकाश का त्यौहार

दीपावली को प्रकाश का त्यौहार भी माना जाता है। क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और उन्हें दीयों और रंगीन रोशनियों से सजाते हैं। वे मिठाइयां, पकवान और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाते हैं।

दीपावली के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं और मंदिर जाते हैं। वे भगवान राम, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। शाम को, लोग अपने घरों के बाहर दीये जलाते हैं और आतिशबाजी करते हैं।

इस त्यौहार में पूरा भारत देश रोशनी से भर जाता है, इसलिए इसे प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।

दिपावली के धार्मिक महत्व

दीपावली हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, क्योंकि इस दिन भगवान राम 14 साल के वनवास को पूरा करके अयोध्या लौटे थे। राम जी, हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं क्योंकि उनका जीवन धर्म, अच्छाई और न्याय की जीत की कहानी को बताता है।

दीपावली को धनतेरस, नरक चतुर्थी और गोवर्धन पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। धनतेरस धन के देवता कुबेर की पूजा का दिन है। नरक चतुर्थी पर, लोग अपने पूर्वजों की आत्माओं को श्रद्धांजलि देते हैं। इसके अलावा गोवर्धन पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।

दीपावली के सामाजिक महत्व

दीपावली त्यौहार का काफी बड़ा सामाजिक महत्व भी है। यह एक ऐसा समय है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशियां मनाते हैं। इस दिन, लोग अपने परिवार और दोस्तों को उपहार देते हैं। वे एक साथ खाते हैं, खेलते हैं और मस्ती करते हैं।

दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें खुशी और आशा की भावना देता है। यह एक ऐसा समय है जब लोग अपने पुराने पापों को छोड़ देते हैं और एक नई शुरुआत करते हैं।

उपसंहार

दीपावली एक खुशी और उत्सव का त्यौहार है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और हमारी नफरतों को खत्म करता है। इस त्यौहार के बाद कुछ नए पलों की शुरूआत होती है। दिपावली के दिन पूराने टूटे हुए रिस्ते भी जुड़ जाते है।

दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में

अगर आप दिवाली पर 1000 शब्दों का आर्टिकल लिखना है तो आप निम्न तरीके से लिख सकते है।

रूपरेखा – 1. प्रस्तावना, 2. दीपावली का महत्व, 3. दीपावली का इतिहास, 4. दीपावली के मुख्य दिन, 5. दीपावली को मनाने का तरीका, 6. दीपावली की परम्पराए, 7.दीपावली त्यौहार के फायदे और नुकसान, 8. उपसंहार

प्रस्तावना

दीपावली, जिसे हम दिवाली के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत में एक प्रमुख हिन्दू पर्व में से एक है जो हर साल  कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। भारत में इस पर्व का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक दृष्टि से काफी ज्यादा है। इस निबंध में, हम दीपावली के महत्व, इतिहास, और इसके प्रमुख त्योहारों के बारे में चर्चा करेंगे।

दीपावली का महत्व

दीपावली का त्यौहार धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से काफी महत्वपूर्ण त्यौहार है।

  • धार्मिक महत्व: दीपावली का धार्मिक महत्व है क्योंकि यह भगवान राम के अयोध्या लौटने के बाद की विजय का पर्व है। इसे उनके आगमन के रूप में मनाया जाता है और लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं।
  • सांस्कृतिक महत्व: यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहार है जिसमें भारतीय कला, संगीत, और गीतों का महत्वपूर्ण स्थान है। लोग दीपावली के मौके पर विभिन्न रंगीन रंगों के आसपास रंगों की फुलझड़ी और आतिशबाजी करते हैं।
  • सामाजिक महत्व: दिवाली के त्यौहार की वजह से लोगों एक-दूसरे से मिल पाते है, और इससे खुशिया बढ़ती है।
  • आर्थिक महत्व: दीपावली के दिनों लोगों को रोजगार मिलता है।

दीपावली का इतिहास

दीपावली का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि यह त्यौहार सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही मनाया जा रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों में मिट्टी के दीपक और रोशनी के अन्य साधनों के अवशेष मिले हैं।

दीपावली का इतिहास हिंदू धर्म के साथ भी जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि दीपावली भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है। राम, हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। उनका जीवन धर्म, अच्छाई और न्याय की जीत की कहानी है।

दीपावली को धनतेरस, नरक चतुर्थी और गोवर्धन पूजा के रूप में भी मनाया जाता है।

दीपावली के मुख्य दिन

इस साल 2023 में दीपावली 10 नवंबर से 14 नवंबर तक मनायी जाएगी और इन पांच दिनों में धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूरा और भाई दूज जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं।

  • धनतेरस: दीपावली के पहले दिन को “धनतेरस” के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं।
  • छोटी दीपावली: दूसरे दिन को “छोटी दीपावली” कहा जाता है, जिसमें घर को दीपों से सजाया जाता है और खास विशेष भोजन बनाया जाता है।
  • महापर्व दीपावली: दीपावली के तीसरे दिन को “महापर्व दीपावली” के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग आतिशबाजी करते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।

दिवाली के त्यौहार में उपरोक्त तीनों त्यौहार काफी महत्वपूर्ण हैं।

दीपावली को मनाने का तरीका

इस त्यौहार को काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली की तैयारियां 1 महीने पहले ही शुरू हो जाती है। लोग सबसे पहले अपने घरों की साफ-सफाई करते है। और फिर कुछ खऱीदारी करते है, जिसमें खाने-पीने का सामान, फटाखे, दीये, कपड़े आदि शामिल होते है।

लोग धनतेरश के दिन कोई नयी चीज़ खरीदते है, जो घर में खुशिया लाती है। इसके बाद लोग दीपावली के दिन फटाखे जलाते है, और माता लक्ष्मी व कुबेर की पूजा करते है। अगले लोग एक – दूसरे से मिलते है और खुशिया बढ़ाते है।

दिवाली के दिन लोग नए-नए कपड़े पहनते है और काफी सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते है। इस त्यौहार दौहरान हर घर रोशनी से जगमगाता हुआ दिखाई देता है। यह भारत का काफी बड़ा और मजेदार त्यौहार है।

दीपावली की परंपराएँ

दीपावली के त्योहार के साथ कई परंपराएँ भी जुड़ी हैं, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।

  • दीपक: दीपावली के दिन लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं। इसके अलावा घरों को रंगनी रोशनीयों से भी सजाया जाता है।
  • पूजा: पूजा भगवान की आराधना का एक तरीका है। यह आशा और विश्वास का प्रतीक है।
  • रंगोली: दीपावली के मौके पर घरों के बाहर रंगोली बनाई जाती है। यह एक प्रकार की चित्रकला होती है, जिसमें विभिन्न रंगों का प्रयोग करके आकर्षक डिज़ाइन बनायी जाती है।
  • पटाखे: दीपावली के त्योहार पर पटाखे जलाना भी एक प्रमुख परंपरा है। लोग पटाखों के साथ आतिशबाजी करते है और आसमान में फूलझड़ियों की रोशनी के साथ त्यौहार का आनंद लेते हैं।
  • नए कपड़े: नए कपड़े नई शुरुआत का प्रतीक हैं।
  • स्वादिष्ट व्यंजन: दीपावली के त्योहार पर विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट खाने का आनंद भी लिया जाता है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर खाने-पीने का आनंद लेते हैं और मिलकर खुशियों का स्वाद चखते हैं।

दिपावली त्यौहार के फायदे और नुकसान

दीपावली त्यौहार के काफी सारे फायदे है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं।

दीपावली त्यौहार के फायदे:

  • दीपावली खुशियों और एकत्ता का त्यौहार है।
  • दीपावली से नयी शुरूआत होती है।
  • लोगों को रोज़गार मिलता है।
  • लोग अपने घरों और अन्य स्थानों की सफाई करते हैं।
  • यह त्यौहार भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखता है।

दीपावली के कुछ नुकसान:

  • दीपावली के दिन लोग अनावश्यक खर्च करते है।
  • आतिशबाजी के कारण पर्यावरण काफी ज्यादा प्रदुषित होता है।
  • कागज और प्लास्टिक भी पर्यावरण को प्रदुषित करते है।

उपसंहार

दीपावली भारतीय समाज में आनंद, उत्साह, और एकता का प्रतीक है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करती है और धर्म की जीत होती है। दीपावली का महत्व और इसकी परंपराएँ हमे समृद्धि और सफलता की ओर ले जाती हैं। इस त्योहार को पूरे परिवार के साथ मनाने से हमारे जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आती हैं, और इससे हम अच्छे और सजीव समाज के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

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