Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, हालांकि काफी सारे लोग अपनी बेटियों के महत्व को समझते है और उन्हे पढ़ा भी रहे हैं। लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर बेटियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, और उनके साथ अत्याचार हो रहा है। इसलिए हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि बेटियां हमारे समाज और देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
अगर बेटियां नही होगी तो मनुष्य जाति का एक भी अस्तित्व नही बच पाएगा, इसलिए हमें बेटियों के महत्व को समझना होगा। मैने इस आर्टिकल में, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 150, 300, 500 और 700 शब्दों में लिखा है। अगर आप Class 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 या 12 में पढ़ रहे है तो इस आर्टिकल की मदद से आप Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi में आसानी से लिख सकते है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 150 शब्दों में (Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi)
देश की बेटियों को बचाना और पढ़ाना बहुत जरूरी है, जिसके सरकार ने 22 जनवरी, 2015 को “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य था कि देश में कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकना, और बेटियों को भी शिक्षा में एक समान अवसर देना।
भारत में लंबे समय से बेटियों को कमतर आंका जाता रहा है, और उनके साथ हमेशा भेदभाव एवं अत्याचार किया जाता रहा है। कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों की वजह से देश में बेटियों की संख्या काफी ज्यादा गिर रही है। और यह देश और समाज के विकास के लिए बहुत बड़ा संकट है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, इन कुरीतियों को खत्म करने और बेटियों को अधिकारों दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। आज सरकार अनेक तरह की योजनाएं चला रही है, ताकि बेटियों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में समान अधिकार मिल सके। हमें भी अपनी बहन-बेटियों को समान अधिकार देना चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 300 शब्दों में (Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi)
प्रस्तावना
देश की बेटियों को बचाना और उन्हे पढ़ाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। क्योंकि बिना बेटियों के देश और समाज के विकास की कल्पना नही की जा सकती है। हमें महिलाओं को कन्या भ्रुणहत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों से बचाना होगा। इसलिए हर देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का अभियान काफी ज़रूरी है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान
बेटी बचाओ बेटी पढाओ एक काफी महत्वपूर्ण अभियान है जिसे भारत सरकार ने 22 जनवरी, 2015 में शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य था कि बेटियों को कन्याभ्रुण हत्या और बाल विवाह से कुरीतियों से बचाना है और उन्हे शिक्षा के क्षैत्र में समान अधिकार देने है। अगर बेटियां पढ़ी-लिखी होगी तो वह समाज को काफी आगे तक ले जा सकती है।
बेटियों को बचाने के साथ-साथ उन्हे पढ़ाना भी बहुत जरूरी है। इसलिए इस अभियान का नाम ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ रखा गया है। सरकार आज भी बेटियों के लिए अनेक योजनाए चला रही है, ताकि लोग बेटियों की अहमियत को समझे उन्हे भी समान अधिकार दे।
देश के लिए बेटी की महत्वता
हम सब यह अच्छी तरह से जानते है कि समाज के लिए बेटियां बहुत जरूरी है। लेकिन बहुत सारे लोग बेटियों को लड़को से कम आंकते है। लोग अपनी बेटियों और बेटों के साथ भेदभाव करते है। इस भेदभाव को खत्म करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बेटियां भी बेटों की तरह काफी ज़रूरी है।
आज बेटियां भी देश के लिए मेडल ला रही है, और देश को ऊंचाईयों पर पहुंचा रही है। लड़कियां भी लड़कों की तरह काबिल होती है, बस उन्हे मौका देना बहुत जरूरी है।
उपसंहार
भारत में कई सदियों से महिलाओं को शिक्षा और समाज में बराबरी के अधिकार से वंचित रखा गया था, लेकिन आज संवैधानिक अधिकारों के तहत महिलाओं को भी आदमीयों की तरह समान अधिकार है। क्योंकि महिलाएं भी देश और समाज को आगे बढ़ा सकती है, बशर्ते उन्हे मौका मिलना चाहिए।
इसलिए हम सब को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में पूर्ण योगदान देना चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 500 शब्दों में (Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi)
प्रस्तावना
भारत सदियों से पुरुष प्रधान देश रहा है, इसलिए आज भी काफी सारे लोग लड़कियों को लड़कों से कम समझते है। लेकिन यह सोच बिल्कुल गलत है क्योंकि बिना औरतों या बेटियों के कोई भी समाज आगे नही बढ़ सकता है। किसी भी समाज के विकास में बेटियों और बेटों दोनों का समान योगदान होता है।
आज के समय में महिलाएं पुरुषों की तरह हर क्षैत्र में आगे बढ़ रही है, उदाहरण के लिए कल्पना चावला, किरण बेदी, पीटी ऊषा, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, पीवी सिंधु आदि। इन्होने केवल भारत देश में ही नही, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्धि प्राप्त की है।
इसके अलावा और भी अनेक महिलाएं है, जिन्होने काफी अद्भुत काम किए है, और पूरे देश का नाम रोशन किया है। इसलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को समझना बहुत जरूरी है।
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान’ क्या है
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसे सरकार ने 22 जनवरी, 2015 को शुरू किया था, ताकि देश में कन्य भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म किया जा सके और बेटियों को शिक्षा के समान अवसर दिए जा सके।
इस अभियान की वजह से आज हमारा देश काफी जागरूक है, और लोग अपनी बेटियों को पढ़ा लिखाकर काबिल बना रहे हैं। हालांकि अभी भी कुछ जगहों पर बहन-बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता है, जिसे रोकना बहुत जरूरी है।
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान’ की आवश्यकता
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक काफी महत्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान की मदद से हम लोगों को जागरुक कर सकते है, और उन्हे बेटियों की अहमियतता समझा सकते है। इस अभियान की वजह से अब तक कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जैसे कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसे मामलों में कमी, शिक्षा के क्षैत्र में बेटियों को समान अधिकार।
इस अभियान की अभी भी आवश्यकता हैं, क्योंकि बहुत सारे लोग अभी भी भेदभाव कर रहे है, और बेटियों को बोझ समझ रहे है। तो ऐसे लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए सभी लोगों को मिलकर प्रयास करने चाहिए, ताकि बेटियों को भी समान अधिकार मिल सके।
देश की बेटियों के लिए सरकारी योजनाएं
भारत के संविधान में सभी बेटियों को समान अधिकार दिया गया हैं। इसलिए सरकार बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के समान अवसर देने के लिए अनेक तरह की योजनाएं चला रही है। जैसे कि-
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- सुकन्या समृद्धि योजना
- बेटी का अधिकार योजना
- बाल विवाह निषेद अधिनियम
- कन्या वरदान योजना
इस तरह सरकार ने बेटियों के लिए अनेक तरह की योजनाएं चलाई है।
उपसंहार
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से देश का भविष्य उज्जवल बनेगा, लेकिन इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। हमें लोगों को जागरूक करना होगा कि बेटियां और बेटे दोनों ही देश और समाज के विकास के लिए बहुत जरूरी है। अगर हम बेटियों और बेटों दोनों को समान अधिकार व सम्मान देंगे तो हमारा घर हमेशा खुशहाल रहेगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 700 शब्दों में (Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi)
प्रस्तावना
पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के लिए महिला और पुरुष दोनों का समान योगदान है। किसी देश और समाज के विकास के लिए भी दोनों की समान जिम्मेदारी होते है। इसलिए दोनों को ही समान अधिकार मिलने बहुत जरूरी है। लेकिन हमारा देश सदियों से पुरुष प्रधान देश होने की वजह से आज भी काफी सारे लोग महिलाओं को कमतर आंकते है।
आज भी काफी सारी जगहों पर महिलाओं पर अत्याचार और अन्याय हो रहा हैं, जिसे रोकना बहुत जरूरी है। देश में कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरितिया भी काफी गंभीर समस्या है। इसलिए हम सब को मिलकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में योगदान देना होगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के उद्देश्य
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का मुख्य उद्देश बेटियों को कुरीतियों से बचाना है, और उन्हे पढ़ाना है। इस अभियान को सरकार ने 22 जनवरी, 2015 में शुरू किया था, ताकि बेटियों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके। इस अभियान के तहत सरकार और भी कई योजनाएं और कार्यक्रम चला रही है।
इन योजनाओं और कार्यक्रमों को चलाने का उद्देश्य यही है कि बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के समान अवसर प्रदान किए जा सके। और समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार किया जा सके।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के निम्नलिखित कुछ प्रमुख उद्देश्य हैं-
- कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी गंभीर कुरीतियों को खत्म करना
- बेटियों को शिक्षा के क्षैत्र के समान अवसर प्रदान करना
- बेटियों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार लाने का प्रयास करना
- बेटियों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को विकसित करना
- बेटियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनाना
- लोगों को बेटियों की महत्वता को समझाना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के परिणाम
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की वजह से अब तक कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं, जैसे-
- कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियो के मामलों में कमी
- शिक्षा के क्षैत्र में बेटियों की जागरुकता में वृद्धि
- बेटियों को समाज, घर, परिवार में समान अधिकार की प्राप्ति
- बेटियों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार क्षैत्र में समान अवसर है
- महिलाओं के सशक्तिकरण में वृद्धि
- महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार
- बेटियों के साथ हो रहे भेदभाव और अत्याचार में कमी
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्यों ज़रूरी है
Beti Bachao Beti Padhao अभियान आज भी काफी ज़रूरी है। क्योंकि आज भी कुछ जगहों पर बेटियां कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के शिकार हो रही है। कुछ लोग तो बेटियों को बोझ मानते है, और उन्हे पढ़ने भी नही देते है। आज कानून होने के बावजूद भी ऐसी गलत चीज़े होती है। इसलिए इस अभियान की आज भी जरूरत है, और हम सब को मिलकर इसमें योगदान देने की भी जरूरत है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए कुछ मुख्य कारण:
- लड़कियों को लड़को के समान अधिकार देना।
- कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकना।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षैत्र में समान मौके देना।
- महिलाओं को भी आदर सत्कार देना।
- महिलाओं को सुरक्षित जिंदगी देना।
- महिलाओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना।
देश की बेटियों के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम
भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना चलाने के बाद सरकार ने और भी काफी सारी अन्य योजनाए शुरू की। इस सभी योजनाओं का उद्देश्य है, बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षैत्र में समान अवसर प्रदान करना है।
सरकार ने देश की बेटियों के लिए अनेक तरह की योजनाएं शुरू की हैं, जो निमनलिखित हैं-
- सुकन्या समृद्धि योजना
- बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ योजना
- कन्या वरदान योजना
- बालिका समृद्धि योजना
- CBSE उड़ान योजना
- धनलक्ष्मी योजना
- सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
- फ्री सिलाई मसीन योजना
- महिला शक्ति केंद्र योजना
इसके अलावा राज्य स्तर भी बेटियों के लिए और भी काफी सारी योजनाएं शुरू की हुई हैं।
जीवन में बेटियों की महत्वता
बेटियां परिवार और समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, जो घर में खुशी और उल्लास का संचार करती है। बेटियों की वजह से ही समाज आगे बढ़ पाता है। बेटियों के होने से घर में एक अलग ही तरह की रोनक छाई रहती है।
आज के समय में बेटियां केवल अपने परिवार का नही बल्कि पूरे देश का नाम भी रोशन कर रही है। बेटियां किसी से भी कम नही है, बशर्ते उन्हे मौका देना बहुत जरूरी है। बेटियां समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काफी महत्वपूर्ण योगदान देती है। आज बेटियां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे हर क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है।
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