ISRO Full Form in hindi – इसरो क्या है, और ISRO में नौकरी कैसे लें?

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ISRO Full Form In Hindi: जब हम कभी भी अंतरिक्ष और स्टेलाइट का नाम सुनते हैं तो हमारे दिमाग में अनेक तरह के इससे संबंधित सवाल आते हैं। और साथ ही में NASA और ISARO का भी नाम जरूर सुनने को मिलता है क्योंकि यही दो एजेंसीआँ ऐसी हैं जो समय समय पर अंतरिक्ष से जुड़ी कई गतिविधियां करते रहते हैं।

लेकिन बहुत से लोगो को ISRO का फुल फॉर्म क्या होता है, इसरो का पूरा नाम क्या है, इसरो की स्थापना कब हुई, इसरो कहाँ स्थित है और इसरो का अध्यक्ष कौन है, आदि के बारे में जानकारी नहीं होता है तो ऐसे में अगर आपको इसरो के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज के इस लेख को ध्यान पूर्वक अंत तक पढ़ सकते हैं, और इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तो चलिए इसरो के बारे में जानते हैं।

ISRO का फुल फॉर्म क्या है – ISRO Full Form in hindi

इसरो का फुल फॉर्म हिंदी भाषा मे “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था” होता है जबकि अंग्रेजी भाषा मे ISRO ka Full Form “Indian Space Research Organisation” होता है, और यह एक भारतीय स्वतंत्र अंतरिक्षिय एजेंसी है जो भारत सरकार (Indian Government) द्वारा संचालित किया जाता है एवं यह संस्था खासतौर पर भौतिकी व अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में काम करने के लिए जाना जाता है।

और यह पूरी दुनिया की टॉप बड़ी अंतरिक्ष संस्थान मे से एक है जहां पर अंतरिक्ष का गहन एवं विस्तारपूर्वक अध्ययन किया जाता है। इसरो का मुख्य लक्ष्य अंतरिक्ष खोज करना, वैमानिकी संशोधन, ग्रहों और उपग्रहों के बारे में जानकारीयों को इकट्ठा करना, और अंतरिक्ष से जुड़े सभी space mission को सफलता पूर्वक पूरा करना है।

ISRO Full Form : Indian Space Research Organisation

I – Indian

S – Space

R – Research

O – Organisation

इसरो से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

ISRO Full FormIndian Space Research Organisation
ISRO की स्थापना कब हुई15 August 1969
इसरो के चेयरमैनS. Somanath
इसरो का अध्यक्ष (ISRO CEO)Shri S. Somanath
ISRO का मुख्यालय (Headquarter)Antariksh Bhavan, New BEL Road Bengaluru-560 094
इसरो में कार्यरत कर्माचरियों की संख्या17000 कर्मचारी
इसरो की आधिकारीक वेबसाइटhttps://www.isro.gov.in/

ISRO का मतलब क्या होता है – ISRO क्या है?

इसरो का मतलब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान होता है, और यह प्रकार का भारतीय अंतरिक्ष संस्थान है जो की भारत देश के लिए अंतरिक्ष से जुड़े space mission को करना, वैमानिकी संशोधन, ग्रहों और उपग्रहों के बारे में कई प्रकार के जानकारीयों को इकट्ठा करना के लिए जाना जाता है।

इन सबके अलावा आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दे की साल 2015 में, इसरो अपने पहले प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल पर पहुंचने वाला पहला संस्थान बना था, और इसके अलावा 22 अक्टूबर 2008 को ISRO ने लगभग साल (312 दिन) दिनों का चन्द्रमा अभियान शुरू किया था, एवं यह भारत के चंद्रमा पर जाने का पहला मिशन था, इसी तरह छह अंतरिक्ष संस्थानों में से एक इसरो भी बन गया। जिसने चन्द्रमा अभियान शुरू किया।

ISRO का मुख्य उदेश्य एवं कार्य

जैसा की आप सभी को भी पता है की इसरो भारत देश के अंतरिक्ष अभियानों को संचालित करने वाली संस्था है जिसका मुख्य उदेश्य भारत देश के लिए अंतरिक्ष की गतिविधियों और वैज्ञानिकी के विषय में रिसर्च करना है। जिससे भारत देश भी अंतरिक्ष स्पेस गतिविधियों में और वैज्ञानिक गतिविधियों में अच्छी पकड़ बना सके।

ISRO के अध्यक्ष (CEO) कौन है

तो चलिए अब जानते हैं कि ISRO का CEO और चेयरमैन कौन है या इसरो के अध्यक्ष कौन है?

वर्तमान समय मे इसरो के चेयरमैन यानी Chief executive officer श्री एस. सोमानाथ (Shri S. Somanath) है, जो इसरो एजेंसी के 10 वें अध्यक्ष है, और वही वर्तमान में इसरो के CEO भी है, और वे इसरो के 10वीं सीइवो बनाये गए है।

ISRO का इतिहास क्या है (History of ISRO)

इसरो की स्थापना 15 August 1969 में एक indian space agency के रूप में हुई थी, और उस समय लोग ISRO के बारे में ज्यादा नही जानते थे। लेकिन जैसे हीं इसरो ने सन् 1975 मे उपग्रह आर्यभट्ट को लॉन्च किया, उसके बाद इस संस्थान को पूरे भारत में लोग जानने लगे।

और इसरो ने पहली उपग्रह को 19 अप्रैल 1975 को सोबियत संघ की मदद से लॉन्च किया, एवं जिसका नाम आर्यभट रखा गया था। और उसके 5 सालो के बाद 1980 मे इसरो ने कई उपग्रह सफलतापूर्वक कक्ष में स्थापित किया। इसके बाद वर्ष 1992 मे इसरो ने ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) और इनसेट-2A लॉन्च किया किया। और इसके अलावा भी इसरो ने भारत देश की भलाई के लिए अंतरिक्ष में कई अभियान चलाये हैं।

ISRO ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक कई सारी उपलब्धियां हासिल की है, जैसे की मंगल मिशन के द्वारा भारत को मंगल पर पहुँचाना, एक ही स्पेस मिशन में 104 उपग्रहों को लॉन्च करना, GSLV-MK3 लॉन्च करना इत्यादि। इनमें से सबसे बड़ी उपलब्धि साल 2017 मे एक साथ 104 उपग्रहों को लॉन्च करना। जिसके बात ऐसा करने वाला भारत देश पहला बन गया था।

इसरो कहाँ पर स्थित है (where is ISRO located)

ISRO का मुख्यालय यानि की Headquarter भारत देश के प्रसिद्ध शहरों मे सुमार बेंगलुरु मे है। वर्तमान में पुरे भारत में पूरे इसरो के 15 रिसर्च केंद्र हैं, जिसमें मुख्यालय बेंगलुरु मे स्थिति हैं जहां से सभी अध्ययनो को लॉन्च किया जाता है।

वर्तमान समय में इसरो एजेंसी में 17हजार लोग काम कर रहे है जिसमें इंजीनियर और वैज्ञानिक शामिल है। इसरो का पूरा एड्रैस निचे दिया गया है।

ISRO Headquarters’ Address: Antariksh Bhavan, New BEL Road Bengaluru-560 094.

ISRO काम कैसे करता है (How ISRO works)

चलिए अब जानते हैं कि इसरो क्या काम करता है और कैसे करता है?

इसरो विभिन्न तरह की अलग-अलग वैज्ञानिकी संशोधन एवं रिसर्च पर काम करता है, जैसे उपग्रह बनाना, उपग्रह पृथ्वी के बारे में अधिक जानकारी को इकट्ठा करना आदि। इसरो के वैज्ञानिक मुख्यत: सौर मंडल की गतिविधियों का अध्ययन करते है।

इसरो ने मंगल के अलावा अनेक ग्रहो का भी अधय्यन किया है, जिससे पूरी दुनिया को काफी फायदा मिला है। एवं इसरो भी अपने अध्ययन और खोज को दुनिया के साथ समय समय पर शेयर करता है जिससे पूरे दुनिया और भारत का कल्याण हो सके।

इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धियां

इसरो के स्थापना हुई 50वर्षो से अधिक हो गया है, और अभी तक इसरो ने कई उपग्रह, अंतरिक्ष अभियान एवं कई प्रकार की खोज किये हैं। तो ऐसे मे चलिए अब इसरो के कुछ प्रमुख एवं बड़ी उपलब्धियों इन सब के बारे मे भी जान लेते हैं।

ISRO Achievements

ISRO यानि की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अभी तक कई अपनी शानदार उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित किया है।

आर्यभट्ट उपग्रह: इसरो ने भारत को पहला बार गौरवान्वित 1975 मे किया था ज़ब इसरो के द्वारा स्वदेशी उपग्रह, जिसका नाम भारतीय खगोलशास्त्री के नाम पर रखा गया था, जिसको रूसी की स्पेस एजेंसी के मदद से सफलतापूर्वक अंतरिक्ष मे तैनात किया गया था।
एसएलवी- 3: एसएलवी-3 इसरो का उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित करने का पहला प्रयास था। अगस्त 1979 में पहली प्रायोगिक उड़ान ने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के निकट की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
चंद्रयान-1: इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली चंद्र जांच अभियान चंद्रयान -1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यद्यपि यह मिशन अगस्त 2009 में केवल 312 दिनों तक चला, वैसे इसरो ने एस चन्द्रयान अभीयान के समय सभी संपर्क खो दिए, और मिशन को अधिकांश के लिए सफल माना जाता है। और इसी चंद्रयान-1 अभियान ने चांद की सतह पर पानी की खोज की जो इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

चंद्रयान-2: यह मिशन भी चंद्रयान -1 के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित दूसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है। इसमें एक चंद्र परिक्रमा शामिल है, और इसमें विक्रम लैंडर, और प्रज्ञान चंद्र रोवर भी शामिल है, जो सभी भारत में विकसित किए गए थे। एवं चंद्रयान 2 मिशन को साल 2019 मे लॉन्च किया गया था लेकिन यह मिशन भी पूरी तरह सक्सेस नहीं हो पाया, और चंद्रयान-2 जैसे की 47 दिनों की यात्रा पूरी करके चंद्रमा की सतह पर उतरने ही वाला था केवल 2 किलोमीटर पहले हीं लैंडर विक्रम से इसरो के वैज्ञानिकों का संपर्क टूट गया, और यह चंद्रयान 2 मिशन भी फेल्ड हो गया।

चंद्रयान-3: यह मिशन चंद्रयान -1 और चंद्रयान – 2 के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो द्वारा विकसित किया गया तीसरा चंद्रयान मिशन है, और इसमें एक चंद्र परिक्रमा शामिल है, जिसमे एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है जिसका कुल वजन 3,900 किलोग्राम है, और चंद्रयान 3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को लॉच किया गया है जो अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में चन्द्रमा पर लैंड करेगा।

104 सैटेलाइट्स: इसरो ने 15 फरवरी, 2017 को अंतरिक्ष मे 104 statelite पीएसएलवी-सी 37 द्वारा छोड़े थे, और ऐसा करने वाला इसरो दुनिया का पहला स्पेस एजेंसी बन गया था। और यह इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।

मंगल अभियान: वर्ष 2014 में मंगल अभियान के माध्यम से भारत को पहले प्रयास में मंगल ग्रह पर इसरो ने पहुंचाया था, जिसके बाद मंगल ग्रह पर पहले प्रयास मे हीं पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया था।

Communication & Nevigation satellite: वर्ष 2018 में इसरो के द्वारा दो महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन और नेवीगेशन सेटेलाइट को लांच किया गया था।

इसरो के कुछ असफल अंतरिक्ष अभियान

जैसा की हमने आपको ऊपर मे बताया है की इसरो के स्थापना हुई 50 वर्षो से अधिक हो गया है, और अभी तक इसरो ने कई उपग्रह, अंतरिक्ष अभियान एवं कई रिसर्च किये हैं। जिनमें कुछ मिशन असफल भी हुई है जिसके बारे में जानकारी नीचे दिया गया है।

  • चन्द्रयान – 2 की विफलता
  • IRS-1E देश की पहली पीएसएलवी की विफलता
  • इनसैट-2डी की विफलता
  • GSAT–4 भारतीय GSAT श्रंखला का चौथा उपग्रह की विफलता

FAQ?

तो चलिए अब हम इसरो से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण FAQs पर चर्चा करते हैं।

Q. ISRO की स्थापना कब की गयी थी?

Ans: ISRO की स्थापना 15 August 1969 को हुआ था।

Q. इसरो का पूरा नाम क्या है?

Ans: ISRO का पूरा नाम “Indian Space Research Organization”है जिसे हिंदी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था कहा जाता है। यह एक स्वतंत्र स्पेस एजेंसी है जो भारत से जुडी अंतरिक्ष अभियानों, वैज्ञानिकी के विभिन्न रहस्यों की खोज करती है।

Q. अभी इसरो कहाँ स्थित हैं?

Ans: वर्तमान में इसरो का मुख्यालय भारत देश के प्रसिद्ध शहरों मे से एक बेंगलुरु वाशिंगटन में स्थित है। और इसके कुल 15 इसरो केंद्र है जो पूरे भारत के कई शहरों मे फेले हुए है। और इसरो में 17000 से भी ज्यादा लोग काम कर रहे हैं।

Q. ISRO में कितने भारतीय वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं?

Ans: वर्तमान समय में इसरो में 17000 से भी ज्यादा कर्मचारी कार्य करते है। जिनमे कई डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर और वैज्ञानिकों काम करते हैं।

Q. ISRO क्या है?

Ans: ISRO एक भारतीय स्पेस एजेंसी है जो दुनिया की सबसे बड़ी और सफल एजेंसी मे से एक मानी जाती है। क्योंकि इसरो ने भी बहुत सारी शानदार खोज की हैं जिसका फायदा पूरी दुनिया को मिला है। इसरो की सबसे बड़ी उपलब्ध मंगल ग्रह तक पहुंचना था।

निष्कर्ष –

आज के hindiworld के इस लेख में हम लोगो ने बताया है कि इसरो का पूरा नाम क्या है ISRO Kya Hota Hai, इसरो की स्थापना कब हुई, इसरो कहाँ स्थित है और इसरो का अध्यक्ष कौन है, इत्यादि तो ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपको इसरो संबंधित सभी प्रकार के जानकारी मिल गया होगा।

बाकी ऐसे ही अंग्रेजी भाषा के अन्य संक्षिप्त शब्दों के फुल फॉर्म के बारे में पढ़ने और जानने के लिए हिंदी वर्ल्ड के full form सेक्शन को एक बार जरूर चेकआउट करें, जहाँ आपको सभी प्रकार के शब्दों के फुल फॉर्म से लेकर उसके बारे में सभी जरूरी जानकारी देखने और पढ़ने को मिल जाएगा। धन्यवाद

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