GPS Full Form in hindi – जीपीएस क्या है, और GPS के खोज कब हुआ है?

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GPS Full Form: अगर आप भी स्मार्टफोन इत्यादि उपयोग करते हैं तो ऐसे में आपने जीपीएस के बारे में जरूर सुना होगा जिसका उपयोग खासतौर पर सैटेलाइट के माध्यम से लोकेशन का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन बहुत से लोगों को जीपीएस का फुल फॉर्म क्या होता है और जीपीएस के खोज पहली बार कब किया गया था इत्यादि के बारे में जानकारी नहीं होता है।

तो ऐसे मे अगर आपको अभी जीपीएस के फुल फॉर्म के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है और इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को ध्यान पूर्वक अंत तक पढ़ सकते हैं। तो चलिए विस्तार से GPS ke Full Form, GPS Kya Hota Hai, GPS Meaning in hindi इत्यादि के बारे मे जानते हैं।

जीपीएस के फुल फॉर्म क्या होता है (GPS Full Form)

जीपीएस के फुल फॉर्म हिंदी भाषा मे “ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम” होता है जबकि GPS ke Full Form अंग्रेजी भाषा मे “Global Positioning System” होता है। और यह एक प्रकार के सैटेलाइट-आधारित नेविगेशन सिस्टम है जिसका उपयोग लोकेशन का पता लगाने के लिए किया जाता है।

GPS Full Form: Global Positioning System

G – Global
p – Positioning
S – System

जीपीएस (GPS)
GPS Full Form in hindiग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम
GPS Full FormGlobal Positioning System
जीपीएस के खोजफरवरी 1978 

जीपीएस क्या है (GPS Kya Hai)

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) एक तकनीकी प्रौद्योगिकी है जो हमें दुनियाभर में स्थान की पुष्टि करने की स्वतंत्रता प्रदान करती है। यह प्रौद्योगिकी सैटेलाइट्स का उपयोग करके दुनियाभर में स्थान की जानकारी को पकड़ने और प्रसारित करने के लिए उपयोग होती है। जीपीएस का उपयोग नेविगेशन, भू-विज्ञान, मौसम पूर्वानुमान और आपातकालीन सेवाओं में किया जाता है।

अगर आसान भाषा मे बात करें तो GPS सिस्टम सेटेलाइट के माध्यम से आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों जैसे कि स्मार्टफोन, नेविगेशन सिस्टम, वाहनों में लगने वाले जीपीएस डिवाइस, संचार उपकरण आदि से प्राप्त किया जाता है। और आपको आपके स्थान के सही और सटीक लोकेशन दिया जाता है।

जीपीएस कैसे काम करता है?

जीपीएस काम कैसे करता है ये समझना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इसका काम करना बहुत ही सिंपल तरीका है, जीपीएस के अंदर एक छोटा सा रिसीवर होता है, जिसे जीपीएस रिसीवर कहा जाता है। ये रिसीवर जीपीएस सैटेलाइट से सिग्नल को रिसीव करता है और उसके बाद उसी के मदद से अपनी लोकेशन का पता लगता है। और जीपीएस सैटेलाइट दुनिया के ऊपर से घूमते हैं और अपने सिग्नल भेजते हैं जो कि बहुत ही छोटी रेडियो तरंगें होती हैं।

जीपीएस के घटक

जीपीएस का प्रमुख घटक सैटेलाइट्स होते हैं, जिन्हें अन्यथा ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट्स (GNSS) भी कहा जाता है। वर्तमान में, विश्वभर में दो प्रमुख GNSS हैं – अमेरिकी नेवी के GPS, और रूसी सिस्टम ग्लोनास। इन सैटेलाइट्स की प्रक्षिप्त रेंजिंग और उनके समय सिंक्रनाइज़ेशन के माध्यम से जीपीएस प्राप्त करता है।

जीपीएस का प्रयोग कहा होता है?

जीपीएस का प्रयोग आज-कल कई जगाहो पर होता है, और जीपीएस के मदद से आप किसी भी जगह पर अपनी लोकेशन का पता लगा सकते हैं। जीपीएस को सबसे ज्यादा स्मार्टफोन, गाडी, हेलीकॉप्टर, और हवाई जहाज इत्यादि में इस्तेमाल किया जाता है जिसे ये अपनी लोकेशन को ट्रैक कर सके और सुरक्षित रहे सके।

इसके अलावा नए स्मार्टवॉच, और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में भी जीपीएस डिवाइस का प्रयोग होता है। आज-कल हर स्मार्टफोन के अंदर जीपीएस रिसीवर होता है जिसे आप किसी भी जगह पर अपनी लोकेशन का पता लगा सकते हैं। और इसके अलावा, जीपीएस का प्रयोग भी अन्य कई भी कमर्शियल और साइंटिफिक परपज के लिए भी होता है।

जीपीएस के क्या फायदे हैं?

जीपीएस (GPS) का उपयोग आज दुनिया भर में लोगों के द्वारा उपयोग की जाती है। यह स्पष्ट आकाशीय संकेतों के आधार पर स्थान का पता लगाता है और यह इसे आसानी से समझने वाले जीपीएस डिवाइस में प्रदर्शित करता है। यह एक बहुत उपयोगी डिवाइस जो लोगों को उनकी स्थान जानने में मदद करता है और उन्हें अपने लक्ष्यों तक पहुंचाने में मदद करता है।

जीपीएस के कई फायदे हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

स्थान का पता लगाना: जीपीएस की मदद से लोग अपनी स्थान का पता लगा सकते हैं। यह खास तौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो अपने घर को ढूंढ नहीं पाते हैं या नए स्थानों पर जाने के लिए जाते हैं।

नेविगेशन करना: जीपीएस नेविगेशन के लिए भी उपयोगी होता है। यह लोगों को उनकी लक्ष्य स्थानों तक पहुंचने में मदद करता है। इसे वाहनों में लगाया जाता है ताकि वे आसानी से सटीक रूप से

GPS के कुछ रोचक तथ्य:

  • जीपीएस को मूल रूप से अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए विकसित किया गया था।
  • जीपीएस के अंदर 24 सैटेलाइट हैं जिनके मदद से हम अपनी लोकेशन का पता लगा सकते हैं।
  • जीपीएस का एक्यूरेसी बहुत ही हाई होता है, जिस्मे से बहुत से डिवाइस का एक्यूरेसी 3 मीटर तक होता है।
  • GPS के अलावा, भारत के इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने भी अपना उपग्रह-आधारित नेविगेशन सिस्टम बनाया है जिसका नाम है NavIC (भारतीय नक्षत्र के साथ नेविगेशन)।

Note: जीपीएस एक बहुत ही उपयोगी तकनीक है जिसके मदद से हम किसी भी जगह पर अपनी लोकेशन का पता लगा सकते हैं।

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FAQ?

Q. गाड़ी में जीपीएस कितने रुपए में लगता है?

Ans: अगर आप भी अपनी गाड़ी में जीपीएस डिवाइस लगाना चाहते हैं इसके लिए आपको 1500 सौ रूपये से लेकर ₹2000 तक खर्च करना पड़ेगा।

Q. जीपीएस क्यों जरूरी है?

Ans: जीपीएस आज के वक्त में काफी उपयोगी डिवाइस हो चुका है जिसका उपयोग खासतौर पर किसी भी डिवाइस, व्यक्ति या अन्य किसी चीज के लोकेशन का पता लगाने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष –

दोस्तों आज के इस लेख में हम लोगों ने एक महत्वपूर्ण डिवाइस जीपीएस के बारे में जाना है, और हमने आपको बताया है कि जीपीएस के फुल फॉर्म क्या होता है जीपीएस के उपयोग किस लिए किया जाता है।

तो ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं की इस लेख को पढ़ने के बाद आपको जीपीएस से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी मिल गया होगा। धन्यवाद

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